तृणमूल के ‘शुद्धिकरण अभियान’ से नेताओं की उड़ी नींद,पार्टी नेताओं के गोपनीय कारनामों का खुलासा कर ‘एलर्ट’ करने में जुटी तृणमूल की सहयोगी संस्था

 

बर्दवान, 17 जुलाई :  विधानसभा चुनाव 2026 से पहले तृणमूल कांग्रेस की सहयोगी संस्था द्वारा चलाया जा रहा तथाकथित ‘शुद्धिकरण अभियान’ ने बर्दवान जिले के कई नेताओं की नींद उड़ा दी है। इस अभियान के तहत पार्टी नेताओं के निजी जीवन, संपत्ति, रिश्ते और आचरण से जुड़ी गोपनीय जानकारियां सीधे उनके दरवाजे पर जाकर सुनाई जा रही हैं। इससे कई नेता स्तब्ध हैं, तो कई चिंतित।

सूत्रों के मुताबिक, संस्था ने पार्टी के प्रत्येक स्तर के नेताओं के बारे में विस्तृत जानकारी इकट्ठा कर रखी है, मसलन किसके पास कितनी जमीन है, कौन-से ठेकेदारों से नज़दीकी है, किसका बैंक बैलेंस कितना है, कौन-सा नेता किस इलाके में गोपनीय रूप से रहता है। नेताओं के पास जाकर ये जानकारियाँ जब बताई जा रही हैं, तो वे भौचक्के रह जा रहे हैं।

ताज़ा उदाहरण बर्दवान जिले के रायना इलाके के एक तृणमूल नेता का है। जब संस्था के प्रतिनिधि उनके पास पहुंचे, तो वे पार्टी के लिए अपनी ‘लड़ाई’ की कहानी सुनाने लगे। लेकिन कुछ ही देर में प्रतिनिधियों ने सवाल पूछा, “आपका बर्दवान में भी एक आलीशान मकान है ना? आप वहीं रात बिताते हैं?” यह सुनकर नेता हक्के-बक्के रह गए। उस मकान की जानकारी बहुत ही सीमित लोगों को थी, पर यह टीम कैसे जान गई? नेताजी यही सोचते रह गए।

इस तरह की घटनाएं अब आम होती जा रही हैं। ब्लॉक से लेकर अंचल स्तर तक पार्टी नेताओं से उनकी ‘कहानी’ पूछी जा रही है। इसके साथ ही उन्हें स्पष्ट चेतावनी भी दी जा रही है,“अगर अब नहीं सुधरे, तो भविष्य अंधकारमय है।”

राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि यह अभियान दरअसल सत्तारूढ़ दल के भीतर मौजूद भ्रष्टाचार और भोगविलासी प्रवृत्तियों पर अंकुश लगाने का प्रयास है। एक समय था जब वामपंथी नेता चप्पल पहनते, फटे कपड़े में रहते थे ताकि ‘गरीब नेता’ की छवि बनाए रख सकें। बाद में उन्हीं नेताओं पर करोड़ों की संपत्ति छुपाने और भ्रष्टाचार के आरोप लगे। अब वही स्थिति तृणमूल कांग्रेस के एक वर्ग में दिखाई दे रही है। कई नेता खुलेआम सोने की चेन, अंगूठी, महंगे ब्रांड के कपड़े पहन कर घूमते हैं, कुछ ने गुप्त रूप से बेहिसाब संपत्ति भी बना ली है। इससे न केवल जनता में, बल्कि पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच भी नाराजगी बढ़ रही है।

सूत्रों की मानें तो यह ‘शुद्धिकरण अभियान’ सिर्फ चेतावनी भर नहीं, बल्कि आगामी चुनाव के लिए उम्मीदवार चयन की प्रक्रिया का हिस्सा भी है। संस्था के प्रतिनिधि नेताओं से पूछ रहे हैं,“आपके क्षेत्र में किसे उम्मीदवार बनाया जाए?” जब कोई नेता हँसते हुए खुद का नाम सुझाते हैं, तो तुरंत उन्हें उनके ‘पुराने कारनामों’ की पूरी फेहरिस्त सुना दी जाती है।

एक तृणमूल नेता ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “संस्था के पास इतनी जानकारी देखकर तो समझ में आ रहा है कि अब मनमानी नहीं चलेगी। हमें, जिसको पार्टी चुनेंगी, उसे ही समर्थन देना होगा।”

 

 

 

 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
Hello
Can we help you?