
शंकर जालान/ डा. सीमा गुप्ता
घरेलू संस्कार और माता-पिता की धार्मिक भावनाओं से प्रेरित होकर जमशेदपुर यानी टाटानगर के गुरुद्वारे में शबद कीर्तन करने वाले लखबीर सिंह लक्खा ने भजन गायकी की दुनिया में मात्र 14 वर्ष की उम्र में प्रवेश किया था। इसके बाद मां दुर्गा की उपासना और भजनों के माध्यम देश-विदेश में ख्याति मिली और पता ही नहीं चला कि भजन गायिका जगत में कब शिखर पर पहुंच गए। बीते दिनों कोलकाता आए लखबीर सिंह लक्खा ने विशेष बातचीत में बताया कि वो मूल रूप से जमशेदपुर टाटानगर (झारखंड) के रहने वाले हैं। एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया कि उनके परिवार में शुरू से ही धार्मिक माहौल था, जिसकी वजह से उनका ध्यान दूसरी तरफ नहीं गया। इसी बीच मां दुर्गा की कुछ ऐसी कृपा हुई कि देश ही नहीं विदेशों तक में उन्हें लोगों का अपार स्नेह मिला।
यह बात दिगर है कि जब भी जिक्र माता रानी के भजनों का हो तो एक नाम जो हर भक्त की जुबान पर सहज ही आ जाता है, वह है लखबीर सिंह लक्खा का। आज भी कई घरों में सुबह की शुरुआत लखबीर सिंह लक्खा के भजनों से होती थी। ‘प्यारा सजा है तेरा द्वार भवानी..’ और ‘बेटा बुलाए झट दौड़ी चली आए मां..’ जैसे उनके कई भजनों की मधुर धुनें आज भी लोगों के दिलों में बसी हैं।
लखबीर सिंह लक्खा का जन्म 25 अगस्त 1950 को पंजाब में हुआ था, लेकिन उनकी परवरिश झारखंड के जमशेदपुर में हुई। पंजाबी लहजे में भजनों को गाने की उनकी अनूठी शैली ने उन्हें जल्द ही भक्तों के बीच लोकप्रिय बना दिया।
कहना ग़लत नहीं होगा कि लखबीर सिंह लक्खा की खासियत यह है कि वह एक सदाबहार गायक हैं। जहां कई भक्ति गायक केवल एक देवी-देवता के भजनों तक सीमित रहते हैं, वहीं लखबीर ने माता दुर्गा, भगवान शिव, हनुमान, श्रीकृष्ण और खाटू श्याम जैसे सभी देवी-देवताओं के भजनों को अपनी आवाज दी है। उनकी गायकी में एक ताजगी और भक्ति का ऐसा संगम है, जो सुनने वाले को मंत्रमुग्ध कर देता है।
75 साल की उम्र में भी लखबीर सिंह लक्खा भक्ति संगीत के प्रति उतने ही समर्पित हैं, जितने वह अपने शुरुआती दिनों में थे।
लखबीर सिंह लक्खा की सोशल मीडिया उपस्थिति भी काफी मजबूत है। उनके आधिकारिक फेसबुक पेज को चार लाख से ज्यादा लोग फॉलो करते हैं, जहां वह अपने नए भजनों और कार्यक्रमों की जानकारी साझा करते रहते हैं। उनके इंस्टाग्राम पर ढाई लाख से ज्यादा फॉलोवर्स हैं, जहां वे अपने जागरण कार्यक्रमों की झलकियां साझा करते हैं।