धनबाद की इंजीनियरिंग छात्रा कोलकाता में हत्या मामले में बारासात जिला जज ने जमानत खारिश किया

आसनसोल। कोलकाता न्यूटाउनसीप थाना काण्ड संख्या~18/2025 u/s 108,3(5) BNS में धनबाद जिला एवं सत्र न्यायालय कोर्ट के प्रैक्टिशनर अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार सिन्हा की पुत्री कोलकाता के इंजीनियरिंग कॉलेज की छात्रा थी न्यूटाउनशिप इलाके में एक फ्लैट में किराए में रहती थी उनके पिताजी धनबाद न्यायालय में अधिवक्ता है अचानक जनवरी महीने में 24 तारीख को उनको खबर गई और जो घटना का मुख्य अभियुक्त है विशाल से उसने फोन पर खबर करके बताया कि उनकी पुत्री की हत्या कर दिया उन्होंने पूछा क्यों किया उसने कहा कि झगड़ा की थी इसलिए किया है और उन्होंने पूछा कि क्यों किए हुए उसने कहा कि झगड़ा की थी इसलिए मैंने मार दिया उसके बाद उन्होंने आया देखा की फ्लैट का ताला तोड़ करके उनकी बेटी का लाश पुलिस द्वारा निकाल दिया गया था निकाल कर न्यू टाउनशिप थाना पुलिस पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था सब अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार सिन्हा ने पुलिस से सवाल किया कि आप मेरे अनुपस्थिति में मेरी कैसे निकाल दिया इस बार पुलिस मामले को घूमते हुए और कोई सहयोग नहीं किया उसके बाद काफी दबाव के बाद उसने भारतीय न्याय संहिता की धारा 108,3(5)BNS के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया जबकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में छात्र के मृतक छात्रा के शरीर से 9 जगह शारीरिक जख्म पाया गया है जो पूरी तरह से हत्या का मामला दर्शाता है लेकिन न्यू टाउन पुलिस थाने और अनुसंधान पदाधिकारी के लापरवाही से उल्लेखनीय है कि अनुसंधान पदाधिकारी में घोड़ेला प्रवाही बढ़ता हत्या का कारण लड़की से ब्लैकमेल करके कई बार उसके बैंक अकाउंट से अभी विशाल सिंह एवं उसके माता-पिता ने रुपया लिया था इतना ही नहीं जी फ्लैट में रहती थी उसे डिजिटल रजिस्टर में शराब के 2:00 बजे हत्या के दिन विशाल सिंह और उसका एक साथ ही दोनों उसे फ्लैट में आए थे यह भी सच मिला इतना ही नहीं जी फोन से उसने छात्र के पिता को फोन करके सूचित किया था उसने कहा था कि मैं तुम्हारी बेटी को मार दिया है उसका भी पेन ड्राइव अनुसंधान पदाधिकारी को सोपा गया और उसने इसकी सीजर लिस्ट बनाई जाति सूची बनाएं लेकिन न्यायालय में जब आप पात्रता खिलता है उसमें इन बातों का कोई उल्लेख नहीं किया पूरे मामलों की गंभीरता को देखते हुए आज 12 साल जिला में सत्र न्यायालय में अभी विशाल सिंह की तरफ जमानत करने पर बात की गई बड़ा सतेलिया लोक अभियोजक शांत में पशु जीवन शिकायतकर्ता की तरफ से धन्यवाद को देखते हुए कि मामला पूरी तरह से भारतीय न्याय संगीता की धारा 108 नहीं 103 का बनता है जो भारतीय दंड विधान की धारा गौरव पंडित 302 और अपराधी षड्यंत्र 120 बी के तहत बनता है इसमें उनका भी के माता-पिता ने भी पैसा लिया था उनको भी अभियुक्त बनाया जाना चाहिए लेकिन अनुसंधान पदाधिकारी इस बिंदु पर कोई जांच प्रतिवेदन न्यायालय को नहीं दिया मुद्दों की गंभीरता को देखते हुए जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने अभियुक्त की जमानत याचिका खारिज कर दिया और इस मामले में अगली कार्रवाई कस्टडी ट्रायल होने के पहले अभी कई अनुसंधान के बिंदु बाकी हैं इसमें पर्याप्त सबूत मिलने की उम्मीद है जिसमें हत्या की पुष्टि हो जाएगी जैसे छात्र के बैंक अकाउंट से अभियुक्त तथा उसके माता-पिता के अकाउंट में रुपया निकालना है और रजिस्टर में हत्याकांड  के दिन 2:00 बजे रात में छात्रा का फ्लैट में उसका उपस्थित होना यह तमाम सबूत के जांच अभी बाकी है जो पर्याप्त साक्ष्य है अभी अनुसंधान अभी जारी है क्योंकि अनुसंधान पदाधिकारी ने 25 अप्रैल को पेन ड्राइव बैंक अकाउंट कि जब्ती सूची सूची तैयार की है और और इसकी एक प्रति सूचक शिकायतकर्ता को उपलब्ध कराई है और उसने आगे अनुसंधान कर न्यायालय में सबूत भेजने को शिकायतकर्ता को कहा है और भारतीय न्याय संहिता की धारा 108 न होकर 103 के तहत हत्या का मुकदमा दर्ज कर आरोप पत्र 103 में दाखिल करने की बात की सबूत के आधार पर शिकायतकर्ता एवं उनके अधिवक्ता नंद बिहारी यादव द्वारा की गई है

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