पार्टी के शो काॅज पर हुमायूं कबीर ने माफी मांगने से किया इनकार

 

कोलकाता, 15 मार्च  । भड़काऊ बयानबाजी को लेकर विवादों में घिरे तृणमूल कांग्रेस विधायक हुमायूं कबीर ने पार्टी की ओर से भेजे गए कारण बताओ नोटिस का जवाब दे दिया है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि वह अपने बयान के लिए माफी नहीं मांगेंगे क्योंकि उन्हें नहीं लगता कि उन्होंने पार्टी अनुशासन का उल्लंघन किया है। हुमायूं कबीर ने साफ शब्दों में कहा है कि उनके लिए उनका मजहब पार्टी से बढ़ कर है।

शुक्रवार को तृणमूल कांग्रेस ने उन्हें कारण बताओ नोटिस भेजा था, जिसमें 24 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा गया था। हुमायूं ने पहले सोमवार तक का समय मांगा था, लेकिन शनिवार सुबह ही उन्होंने अपना जवाब तृणमूल के अनुशासन समिति के चेयरमैन व संसदीय कार्य मंत्री शोभनदेव चट्टोपाध्याय को भेज दिया।

हुमायूं कबीर ने विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की कुछ टिप्पणियों के जवाब में उग्र और भड़काऊ बयान दिया था। उनके बयान को लेकर तृणमूल कांग्रेस ने उनसे सफाई मांगी। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद हुमायूं को कारण बताओ नोटिस भेजने का निर्देश दिया था।

पार्टी की अनुशासन समिति ने हुमायूं को शुक्रवार को नोटिस भेजा और 24 घंटे के भीतर जवाब देने को कहा। शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने शुक्रवार रात उन्हें फोन भी किया, तब हुमायूं ने सोमवार तक का समय मांगा था। लेकिन शनिवार सुबह 9:35 बजे उन्होंने अपना जवाब पीडीएफ फॉर्मेट में व्हाट्सएप के जरिए भेज दिया।

हुमायूं कबीर ने कहा कि उन्हें एक पन्ने का कारण बताओ नोटिस भेजा गया था, लेकिन उन्होंने उसका दो पन्नों में जवाब दिया। उन्होंने कहा, “इससे पहले भी मुझे एक पन्ने का नोटिस भेजा गया था और मैंने उसका तीन पन्नों में जवाब दिया था। मैंने साफ कर दिया कि मेरे लिए पार्टी से पहले मेरी जाति आती है।”

हुमायूं ने बताया कि उनके 10 मिनट 29 सेकेंड के बयान में से सिर्फ 31 सेकेंड के एक वीडियो को लेकर पार्टी ने उनसे सफाई मांगी। उन्होंने कहा, “मुझे केवल सात लाइनों में जवाब देने को कहा गया कि मेरे 31 सेकेंड के बयान से पार्टी की छवि खराब हुई है। लेकिन मैं नहीं मानता कि मैंने कोई अनुशासन तोड़ा है।”

हुमायूं कबीर ने कहा, “मैंने किस संदर्भ में बयान दिया, क्यों दिया, इसकी पूरी जानकारी अपने जवाब में दी है। मैं अपने रुख पर कायम हूं। मैं तृणमूल कांग्रेस का सदस्य हूं, लेकिन पार्टी से पहले मेरा मजहब है। अगर मेरे मजहब को लेकर कोई कुछ कहेगा, तो मैं चुप नहीं रहूंगा। मैंने माफी नहीं मांगी और आगे भी नहीं मांगूंगा। पार्टी को जो करना है, करे।”

शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने हुमायूं के जवाब को स्वीकार करते हुए कहा, “हमें पीडीएफ मिल गया है। अब इसकी हार्ड कॉपी तैयार कर अनुशासन समिति को भेजा जाएगा। उसके बाद पार्टी आगे का फैसला लेगी।”

 

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