सम्मेलन का समाज सुधार कार्यक्रम एवं नारी सशक्तिकरण एक दूसरे के पर्याय : शिवकुमार लोहिया

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर अखिल भारतवर्षीय मारवाड़ी सम्मेलन की ओर से ‘राजस्थान की नारियों’ विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार लोहिया ने की। इस अवसर पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि नारी उत्थान एवं सम्मेलन का समाज सुधार कार्यक्रम को एक दूसरे के पर्याय कहा जाए तो अतिशयोक्ति नहीं होगी। समाज सुधार के लिए पिछले 90 साल में सम्मेलन ने जो भी कार्य किए हैं उसका प्रमुख प्रमुख उद्देश्य रहा है नारी सशक्तिकरण एवं उनका उत्थान। पर्दा प्रथा उन्मूलन हो,नारी शिक्षा हो, विधवा विवाह हो, बाल विवाह का विरोध हो सभी कार्यक्रमों को सफल करने के लिए सम्मेलन के असंख्य कार्यकर्ताओं ने अपना योगदान दिया। उसी का फल है कि आज समाज में महिलाओं को हर क्षेत्र में सफलता का परचम लहराते हुए देख पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमें इस प्रयास को आगे भी जारी रखना है और जहां पर भी अतिशयोक्ति हो उसके बारे में विचार कर उसे फिर पटरी पर लाने की कोशिश हमें करते रहना चाहिए। आज समाज की की नारियां अपना उत्थान और अपने भविष्य के बारे में स्वयं फैसला लेने मे सक्षम है। पर उन्हें अपने संस्कार संस्कृति एवं आने वाली पीढ़ी को संस्कारी और सुसंस्कृत करने के लिए हर संभव प्रयास करते रहना चाहिए। साथ ही साथ घर में राजस्थानी भाषा का प्रयोग करने के बारे में सजग रहना चाहिए।


राजस्थान सूचना केंद्र के सहायक निदेशक हिंगलाज दान रतनू बतौर मुख्य वक्ता कहा कि राजस्थान की नारियां शक्ति,भक्ति,त्याग एवं वीरता की प्रतीक है। उन्होंने कहां की राजस्थान का इतिहास वहां की नारियों की गाथा से भरा हुआ है। उन्होंने पन्ना धाय,मीरा, करमा बाई, रानी पद्मिनी आदि का उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि राजस्थान तीज त्यौहार की धरती है। वहां की महिलाएं राजस्थान की संस्कृति को विशिष्टता प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है राजस्थान में प्रत्येक दिन तीज त्यौहार का दिन है। महिलाएं अपने भावनाओं को,अपने संवेगों को अपने परिधान,नाना प्रकार के व्यंजन, नाना प्रकार के नृत्य संगीत के माध्यम से व्यक्त करती हैं एवं परिवार को जोड़े रखने में अपनी महत्वपूर्ण योगदान देती है। प्रसिद्ध वक्ता एवं लाइफ कोच नैना मोर ने कहा कि पुराने इतिहास से सभी वाकिफ है। हम जानते हैं कि मीरा जैसे हमारे पूर्वज राजस्थान को गरिमा प्रदान करते हैं,लेकिन आज के दिन आज की समाज में आज की नारियां भी अपना सशक्त उदाहरण प्रस्तुत करने का भरपूर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा समाज में अगर कहीं कमियां है तो उसे हम प्रेम से बदल सकते हैं।।


सुप्रसिद्ध साहित्यकार बंशीधर शर्मा ने सम्मेलन के प्रयासों का सराहना की एवं कहा कि इस तरह के संगोष्ठियों से समाज में चैतन्यता आती है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आगे भी इस तरह के कार्यक्रम होते रहेंगे। इस अवसर पर सम्मेलन में एक पुस्तकालय जिसका उद्घाटन राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार लोहिया, हिंगलाज दान रतनू एवं बंशीधर शर्मा ने संयुक्त रूप से किया। राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष केदारनाथ गुप्ता ने धन्यवाद ज्ञापन किया।संगोष्ठी का सफल संचालन राष्ट्रीय महामंत्री कैलाशपति तोदी ने किया। अंत में राष्ट्रीय अध्यक्ष शिवकुमार लोहिया ने सभी को होली की शुभकामनाएं प्रेषित की। समारोह में संयुक्त महामंत्री पवन कुमार जालान,संयुक्त महामंत्री, संजय गोयनका,पियूष क्याल, सुरेश अग्रवाल, सांवर मल शर्मा, संजीव कुमार केडिया, बिनोद टेकरीवाल, नथमल भीमराजका, अरुण कुमार सोनी, अरविन्द मुरारका, तपन कुमार कुंडू, लक्ष्मण केडिया, प्रकाश किल्ला, रघुनाथ झुनझुनवाला, बंशीधर शर्मा, राज कुमार अग्रवाल, सीताराम शर्मा, शिबू दत्ता, रमेश कुमार तापड़िया, सीताराम अग्रवाल, बी. के. खेतान एवं आर खेतान एवं अन्य गण्यमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
Hello
Can we help you?