
कोलकाता ।साहित्य और संस्कृति को समर्पित संस्था बज़्में बहारां ने आशुतोष मेमोरियल इंस्टिट्यूट में एक बहुभाषी कवि सम्मेलन का आयोजन किया, जिसकी अध्यक्षता कर रहे थे डॉ. दबीर अहमद और कुशल संचालन कर रही थीं संस्था की सचिव और शायरा रौनक अफ़रोज़। इस मौके पर विशेष अतिथि के तौर पर कनाडा से आकर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रहे थे लेखक डॉ. जावेद दानिश।
गौरतलब है कि डॉ दानिश की आटिज्म़ यानि आत्मकेंद्रित व्यक्तियों के जीवन के विभिन्न पहलुओं पर लिखी किताब दुनिया की कई भाषाओं में अनूदित होकर चर्चित हो चुकी है। उन्होंने इस तरह के बहुभाषी कवि सम्मेलन की तारीफ़ करते हुए कहा कि ये हिंदुस्तान की खूबसूरती है जिसमें देश की मुख्तलिफ जुबानों के शायर एक जगह इकट्ठा हुए हैं।
इस महफ़िल में शिरकत कर रहे कवियों, शायरों ने मानवीय मूल्यों के विघटन और देश दुनिया के हालातों पर अपनी नज़्में पेश कीं जिसे श्रोताओं की भरपूर सराहना मिली। उपस्थित कवियों, शायरों तथा विशेष उपस्थिति में शामिल थे – सर्वश्री यतीश कुमार, शकील अहमद, डॉ सबीरा खातून हिना, शाहिद नूर,रावेल पुष्प,आनन्द गुप्ता, राज्यवर्धन, जरताब ग़ज़ल, कुसुम जैन, अनिला राखेचा, भूपेंदर सिंह बशर, केयूर मजमूदार,सुफ़िया बातूनी, मुहम्मद अंसारी, प्रेम कपूर तथा अन्य। बज़्मे बहारां की इस महफिल में लोग-बाग शब्दों के सुहाने मौसम में सुकून की सांस ले रहे थे।
