रानीगंज । वामपंथी श्रमिक संगठन सीटु,एएकेएस,एआईएड्ब्लू एवं पीबीयुएस द्वारा देश बचाने और बंगाल में परिवर्तन लाने की पुकार पर रानीगंज के रेल स्टेशन मैदान से एक विराट रैली निकाली गई यह रैली रेलवे स्टेशन से शुरू होकर एनएसबी रोड होकर सियार सोल राजबाड़ी मैं रवींद्रनाथ टैगोर की प्रतिमा तक पहुंची यहां पर एक स्ट्रीट कॉर्नर किया गया यहां पर युवा संगठन डीवाईएफआई की सभा नेत्री मीनाक्षी मुखर्जी आसनसोल के पूर्व सांसद वंश गोपाल चौधरी कृष्ण दास गुप्ता सुप्रियो चौधरी के अलावा बड़ी संख्या में वामपंथी नेता और कार्यकर्ता उपस्थित थे आपको बता दें कि आठ सूत्री मांगों के समर्थन में 20 तारीख को कोलकाता के ब्रिगेड में वामपंथी श्रमिक संगठनों द्वारा एक बहुत बड़े समावेश का आयोजन किया गया है इसी को लेकर लोगों को जागरूक करने के लिए आज इस अभियान को चलाया गया वामपंथी श्रमिक संगठनों की मांग है कि जिस तरह से रेलवे विद्युत बैंक बीमा कोयला उद्योग सहित विभिन्न क्षेत्रों में निजीकरण किया जा रहा है उसको रोकना होगा श्रमिक और खेत मजदूर की मजदूरी बढ़ानी होगी मनरेगा परियोजना में पारिश्रमिक ₹600 करना होगा 200 दिन का कार्य सुनिश्चित करना होगा बंगाल में महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करनी होगी ऐसे ही आठ सूत्री मांगों के समर्थन में आज यह रैली निकाली गई रजवाड़ी इलाके में एक स्ट्रेट कॉर्नर किया गया यहां पर वामपंथी नेताओं ने उपस्थित लोगों को संबोधित किया और 20 तारीख की ब्रिगेड रैली को सफल बनाने के लिए उनसे अनुरोध किया इस मौके पर मीनाक्षी मुखर्जी पत्रकारों से रूबरू हुई उन्होंने कहा कि बंगाल में आज चुनाव नहीं होता है इससे पहले जितने भी चुनाव हुए उन सब में टीएमसी द्वारा व्यापक तौर पर बांधने की गई उन्होंने कहा कि लोगों को अपने मताधिकार का प्रयोग करने नहीं दिया जाता जिस तरह से निजीकरण किया जा रहा है उसे आने वाले समय में देश की अर्थव्यवस्था पर काफी प्रतिकूल असर पड़ेगा उन्होंने कहा कि आज बंगाल सहित पूरे देश में रोजगार नहीं है इसलिए उन्होंने भत्ता बढ़ाने की मांग की उन्होंने कहा कि या तो सरकारी लोगों को रोजगार उपलब्ध कारण या उनके भत्ते बढ़ाएं। उन्होंने कहा कि जो प्रशासनिक अधिकारी हैं वह सत्ता पक्ष के निर्देश पर काम करते हैं और वह निष्पक्ष चुनाव नहीं करवाते वह सिर्फ दिखावे के लिए मतदान के दिन लोगों के टैक्स के पैसे की बर्बादी करते हुए गाड़ियों में घूमते हैं उन्होंने कहा कि लोगों को ही अपने अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष करना होगा
