शिवाजी भगवान तो नहीं थे लेकिन इनके जैसे लोगों के कारण ही हमारे भगवान आज मंदिरों में सुरक्षित हैं -डॉ. राय
कोलकाता, 20 फरवरी – राष्ट्रीय कवि संगम, पश्चिम बंगाल, उत्तर 24परगना के तत्वावधान में महाकुंभ एवं छत्रपति शिवाजी महाराज की जयन्ती के शुभ अवसर पर एक भव्य कवि सम्मेलन का कार्यक्रम प्रांतीय अध्यक्ष डॉ.गिरिधर राय की अध्यक्षता में आभासी पटल [गूगल मीट] पर आयोजित हुआ।
कार्यक्रम का आरंभ युवा कवि आदित्य स्वरूप पाठक की मधुर सरस्वती वंदना एवं जिला अध्यक्ष राजीव मिश्र के स्वागत भाषण से हुआ। काव्य गोष्ठी में शामिल प्रमुख रचनाकार भारती मिश्रा, रेखा रजक, रत्नेश अवस्थी रत्न (उन्नाव) पुष्पा मिश्रा, नीलम झा, रंजना झा,हिमाद्रि मिश्र, उत्तीर्णा धर, मीतू कानोड़िया, प्रगति शंकर, देवेश मिश्र, स्वाति भारद्वाज ने स्वरचित रचनाओं का पाठ ऐसे अन्दाज में किया कि सभी श्रोतागण काव्य रस में सराबोर होकर झूम उठे।
विशिष्ट अतिथि प्रांतीय सह महामंत्री बलवंत सिंह गौतम ने अपने वक्तव्य से सभी को हर्षोल्लास से भर दिया। मुख्य अतिथि मल्लिका रुद्रा ने राष्ट्रीय कवि संगम पश्चिम बंगाल की के कार्यकर्ताओं की प्रशंसा करते हुए राष्ट्र- स्वर पत्रिका की प्रशंसा करना नहीं भूलीं। साथ ही उन्होंने महाकुंभ और छत्रपति शिवाजी पर कुछ बहुत ही प्रशंसनीय दोहे सुनाकर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
अपने अध्यक्षीय वक्तव्य में डॉ. गिरधर राय ने संयोजन, संचालन और कार्यकर्ताओं की तारीफ करते हुए महाकुंभ के महत्व पर प्रकाश डाला। छत्रपति शिवाजी महाराज की नेतृत्व युद्धकौशल और वीरता की तारीफ करते हुए कहा कि महाराणा प्रताप एवं शिवाजी जैसे लोग हमारे भगवान तो नहीं है लेकिन इन्हीं लोगों के कारण हमारे देवी देवता मंदिरों में सुरक्षित हैं। श्रोताओं के आग्रह पर उन्होंने ने अपनी प्रसिद्ध हास्य कविता कुंभमेला और नागाबाबा सुनाकर लोगों को लोट-पोट कर दिया।
श्रोताओं के रूप में ज्ञानप्रकाश आकुल ( लखीमपुर), शिविर धनधानिया प्रभृति उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन कंचन राय द्वारा किया गया। जिला उपाध्यक्ष पुष्पा मिश्रा ने कार्यक्रम को महाकुंभ की उपाधि देते हुए सभी कवियों, अतिथियों और श्रोताओं को अपना अमूल्य समय देकर कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु हार्दिक धन्यवाद ज्ञापन किया।