अतिक्रमण हटाने आई आरपीएफ को बैरंग लौटना पड़ा

पुरुलिया : रेलवे भूमि पर बनी दुकानों को खाली कराने के दौरान रेलवे आरपीएफ और राज्य पुलिस को बैरंग लौटना पड़ा। रेलवे नगर आद्रा में शनिवार के दिन की घटना को लेकर तृणमूल कार्यकर्ताओं ने खाली कराने आये बुलडोजर को रोककर विरोध प्रदर्शन किया। घटना से इलाके में तनाव फैल गया। दुकानों को हटाए बिना ही आरपीएफ लौट गई।
जानकारी के अनुसार रेलवे अधिकारियों ने स्टेशन को आधुनिक बनाने के लिए आद्रा स्टेशन के आसपास अवैध दुकानों को हटाने का फैसला किया है। इसके लिए एक सप्ताह पहले रेलवे ने दुकानों को खुद हटाने के लिए नोटिस जारी किया था। शुक्रवार को समयसीमा बीतने के बाद रेलवे ने शनिवार की सुबह ही अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू करना चाहता था। राज्य पुलिस ने भी साथ दिया। इस दिन स्टेशन क्षेत्र के अन्य छोटे व्यवसायी भी बेदखली के विरोध में अपनी दुकानें बंद रखकर विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।
उल्लेखनीय है कि रेलवे अथॉरिटी ने इसी महीने की 4 तारीख को एक नोटिस जारी कर दक्षिण पूर्व रेलवे के आद्रा डिवीजन में आद्रा रेलवे स्टेशन से सटे इलाके में कई दुकानों के सामने अगले 7 दिनों के भीतर दुकानें तोड़ने का निर्देश दिया था। इसके बाद से ही उनके चेहरे पर चिंता की रेखाएँ दिखने लगी। शनिवार 11 जनवरी को सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने इस नोटिस को केंद्र कर सुबह से ही
इलाके में विरोध मार्च शुरू कर दिया और मांग की कि दुकानदारों को पुनर्वासित किए बिना दुकानें नहीं छोड़ी जाएगी। जुलूस के माध्यम से कई मांगें उठाई गईं।
आद्रा शहर तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष राजा चौबे, तृणमूल श्रमिक संगठन के रघुनाथपुर नंबर 1 ब्लॉक के अध्यक्ष तुफान कुमार रॉय, आद्रा क्षेत्र के तृणमूल अध्यक्ष संजीव कुमार दत्ता, रघुनाथपुर क्षेत्र के तृणमूल नेता डी मनोज कुमार और अन्य ने जुलूस का नेतृत्व किया। हालांकि, जुलूस खत्म होने के बाद ही रेलवे पुलिस दुकानों में तोड़फोड़ करने के लिए जेसीबी के साथ घुस गई। स्टेशन परिसर में गहमा-गहमी काफी बढ़ गई। स्थानीय दुकानदारों और तृणमूल कांग्रेस के नेताओं ने इलाके में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया।

श्रमिक संगठन तृणमूल कांग्रेस के नेता तुफान रॉय ने कहा कि हम कुछ और नहीं चाहते, जो लोग इस इलाके में लंबे समय से दुकानदारी कर रहे हैं, उनकी आजीविका इसी दुकान पर निर्भर है, अब वे कहां जाएंगे? पहले उनका पुनर्वास करने और फिर उन्हें बेदखल करने अन्यथा कोई सुयोग नहीं है।
उधर, शहर तृणमूल कांग्रेस के अध्यक्ष राजा चोबे ने कहा कि रेलवे अधिकारियों से हमारी एक ही मांग है कि पहले उनका पुनर्वास हो, फिर रेलवे उसकी जगह ले। अगर नहीं तो हम बड़ा आंदोलन करेंगे।

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