अखिल भारतीय स्वर्णकार संघ (3545) संगठित होकर कार्य करे, सार्थक पहल

कोलकाता । अखिल भारतीय स्वर्णकार संघ (3545) के पदाधिकारियों एवम् कार्यकर्ताओं की पश्चिम बंगाल में संगठन के विस्तार पर विधिवत चर्चा के लिये लिथुआनिया से पधारे अनंत बोध चैतन्य महाराज के सानिध्य में मीटिंग सम्पन्न हुई । जिसमें रवि सर्राफ (वाराणसी), पारस नाथ साह (उड़ीसा) ने पश्चिम बंगाल में स्वर्ण कला बोर्ड, सुनार (स्वर्णकारों) को ओ बी सी प्रमाण पत्र में त्वरित कार्यवाही, स्वर्णकारों को व्यापार में समुचित सरकारी सुविधाएं प्रदान करने का निवेदन राज्य सरकार से किया । प्रतिनिधिमंडल ने मार्गदर्शन के लिये ब्रह्ममयी काली मन्दिर में परमात्मानंद महाराज से मुलाकात कर स्वर्णकारों के हित में मार्गदर्शन करने का निवेदन भी किया । परमात्मानंद महाराज ने कहा कि पश्चिम बंगाल में लाखों स्वर्णशिलपियों का रोजगार, जीवनयापन आभूषण व्यापार के व्यापार पर ही निर्भर है । स्वर्ण के मूल्य में निरन्तर बढ़ोतरी से मध्यम वर्ग के व्यापारियों, स्वर्ण शिल्पियों पर प्रभाव पड़ रहा है । अनन्त बोध चैतन्य महाराज ने राज्य में स्वर्णशिल्पियों को संगठित होकर एक मंच से सरकार का ध्यान स्वर्ण शिल्प के विकास, सरकारी सुविधाओं की ओर आकर्षित करने की प्रेरणा दी । उन्होंने कहा सशक्त संगठन से सामाजिक संरचना मजबूत होती है । स्वर्ण कला बोर्ड एवम् सरकारी सुविधाओं के लिये अखिल भारतीय स्वर्णकार संघ का पश्चिम बंगाल में संगठन मजबूत बनाने के उद्देश्य से पश्चिम बंगाल में प्रभारी सुब्रत कर एवम् सह – प्रभारी राजेन्द्र कुमार सोनी को मनोनीत किया गया । रवि सर्राफ, पारस नाथ साह ने तेलांगना से पधारे जल्लीपल्ली पेंटा चारी, आंध्र प्रदेश से वेणुमाधव विश्वकर्मा, बिहार से पप्पू ठाकुर, देवनारायण साह, मुन्ना सुनार, झारखंड से पवनलाल सोनी, उड़ीसा से तारक नाथ साह एवम् सभी कार्यकर्ताओं का स्वागत किया । सभी ने संगठन को सक्रियता से मजबूत बनाने में हर सम्भव सहयोग प्रदान करने का आश्वासन दिया ।

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