अनुव्रत मंडल को मिला पुराना पद, ग्रामोन्नयन परिषद के चेयरमैन के रूप में बहाल

कोलकाता, 4 जनवरी । मवेशी तस्करी मामले में करीब दो साल जेल में रहने के बाद तृणमूल कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अनुव्रत मंडल को राहत मिली। पिछले साल अक्तूबर में जमानत पर रिहा होने के बाद वह अपने जिले बीरभूम लौटे और पार्टी के कामकाज में सक्रिय हो गए।

अब नए साल की शुरुआत उनके लिए एक और अच्छी खबर लेकर आई है। राज्य सरकार ने उन्हें फिर से ग्रामोन्नयन परिषद के चेयरमैन पद पर बहाल कर दिया है।

अनुव्रत मंडल ने हाल ही में नवान्न से इस संबंध में आधिकारिक पत्र प्राप्त किया। वे पहले भी इस पद पर थे, लेकिन जेल में रहने के कारण पिछले दो वर्षों से यह पद खाली पड़ा था। उनकी रिहाई के बाद राज्य सरकार ने उन्हें फिर से इस महत्वपूर्ण पद पर नियुक्त किया है।

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ग्रामोन्नयन परिषद का महत्व

ग्रामोन्नयन परिषद का गठन ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। इस परिषद के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में विकास योजनाओं का क्रियान्वयन किया जाता है। अनुव्रत मंडल को पहली बार 2013 में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस पद पर नियुक्त किया था। तब से वे 2019 तक इस पद पर रहे। इस दौरान उन्हें नीली बत्ती की गाड़ी, जेड श्रेणी की सुरक्षा और सरकारी कार्यक्रमों में विशेष आमंत्रण मिलता था।

अनुव्रत मंडल 2022 में मवेशी तस्करी मामले में गिरफ्तार हुए थे और दिल्ली की तिहाड़ जेल में रहे। उनकी अनुपस्थिति में ग्रामोन्नयन परिषद का पद खाली रखा गया। पिछले साल अक्तूबर में रिहा होने के बाद उन्होंने जिले में पार्टी और संगठन के कामकाज में सक्रिय भूमिका निभानी शुरू की।

राज्य के मंत्री और बोलपुर के विधायक चंद्रनाथ सिन्हा ने उनकी बहाली पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, वे पहले भी इस पद पर थे और अब उन्हें फिर से वही जिम्मेदारी दी गई है। अब किसी भी सरकारी कार्यक्रम में उनकी उपस्थिति में कोई बाधा नहीं होगी।

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तृणमूल कांग्रेस में बढ़ा कद

ग्रामोन्नयन परिषद के चेयरमैन पद पर बहाली से यह स्पष्ट हो गया है कि पार्टी में उनकी स्थिति पहले जैसी मजबूत है। बीरभूम में तृणमूल कांग्रेस के एक प्रमुख नेता के रूप में उनकी सक्रियता जिले के राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।

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