छठ पूजा में ग्रीन पटाखों का इस्तेमाल, कोलकाता में प्रदूषण कम करने में मददगार

आतिशबाजी

कोलकाता, 08 नवंबर । पश्चिम बंगाल में छठ पूजा के आखिरी दिन शुक्रवार को बड़ी संख्या में लोगों ने उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। कोलकाता के घाटों पर हज़ारों श्रद्धालु, जिनमें मुख्य रूप से बिहार और झारखंड के लोग शामिल थे, ने इस पवित्र पर्व को मनाया। कोलकाता नगर निगम और कोलकाता महानगर विकास प्राधिकरण (केएमडीए) द्वारा शहर के 80 तालाबों और गंगा किनारे के 28 घाटों पर विशेष इंतजाम किए गए थे।

छठ पूजा दीवाली के छह दिन बाद और कार्तिक शुक्ल पक्ष के छठे दिन मनाई जाती है। इस त्योहार में भक्त ‘छठी मैया’ और सूर्य देव की पूजा कर अपने परिवार और बच्चों के लिए आशीर्वाद मांगते हैं।

इस बीच, पश्चिम बंगाल प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी ने बताया कि इस साल शोर-प्रदूषण का स्तर पहले के मुकाबले बेहतर था। हालांकि, सुबह के समय वायु गुणवत्ता सूचकांक (एयर क्वालिटी इंडेक्स – एक्यूआई) में मामूली वृद्धि देखी गई, जो 110 पीएम2.5 से बढ़कर 135 तक पहुंच गया, जो ‘मध्यम’ श्रेणी में आता है।

उन्होंने कहा कि छठ पूजा के दौरान, विशेष रूप से सात और आठ नवंबर की सुबह, हवा में प्रदूषण का स्तर मध्यम पाया गया और शोर-प्रदूषण भी ग्रीन पटाखों के उपयोग की वजह से सीमित रहा। अधिकारी ने यह भी बताया कि दिन के आगे बढ़ने के साथ एक्यूआई 100 से नीचे पहुंचा।

प्रशासन ने छठ पूजा के दौरान पटाखे फोड़ने का समय सुबह छह बजे से आठ बजे तक निर्धारित किया था

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