
एसपी ने कहा – किसी को नहीं छोड़ेंगे
कोलकाता, 11 सितंबर । पश्चिम बंगाल के डायमंड हार्बर में एक चौंकाने वाले मामले में जजों के आवास पर हमले का मामला सामने आया है। घटना के बाद पुलिस की निष्क्रियता पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं। इस मामले में डायमंड हार्बर जिला अदालत के तीन जजों ने कोलकाता हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार और चीफ जस्टिस को पत्र लिखकर अपनी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है।
जजों का आरोप है कि आठ सितंबर की रात को कुछ अज्ञात लोगों ने उनके आवास पर हमला किया। जजों के अनुसार, हमलावर जबरन अंदर घुसने की कोशिश कर रहे थे और सुरक्षा गार्ड को नजरअंदाज कर आवास के भीतर घुसना चाहते थे। जब इस घटना की सूचना पुलिस को दी गई, तब भी पुलिस देरी से पहुंची। इस देरी को लेकर जजों ने आरोप लगाया कि पुलिस की यह लापरवाही उन्हें असुरक्षित महसूस करवा रही है और वे अब पुलिस पर भरोसा नहीं कर सकते।
जजों के अनुसार, यह हमला तब हुआ जब उन्होंने हाल ही में पॉक्सो को लेकर कुछ महत्वपूर्ण मामलों में फैसले सुनाए थे।
पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाने के बाद डायमंड हार्बर जिला पुलिस हरकत में आई और पुलिस अधीक्षक राहुल गोस्वामी ने एक पत्रकार वार्ता में जानकारी दी कि घटना की जांच के लिए स्वतः संज्ञान लेते हुए एफआईआर दर्ज कर ली गई है। उन्होंने कहा, दोषी चाहे जो भी हो, उसे छोड़ा नहीं जाएगा।
जिला बार काउंसिल के अध्यक्ष सुदीप चक्रवर्ती ने इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, हमने सुना है कि एक व्यक्ति ने अपना चेहरा ढककर जज के आवास में घुसने की कोशिश की थी। यह घटना रविवार की है। पुलिस तत्काल घटनास्थल पर पहुंची थी और उन्होंने सीसीटीवी फुटेज भी जुटाए हैं। वहीं, डायमंड हार्बर के सांसद अभिषेक बनर्जी ने भी पुलिस को मामले की गंभीरता से जांच करने का निर्देश दिया है।
कलकत्ता हाई कोर्ट में शिकायत पहुंचने के बाद से ही जजों की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, अब जजों के आवास पर रात आठ बजे से सुबह आठ बजे तक पिकेटिंग की व्यवस्था की गई है। पुलिस अधीक्षक ने आश्वासन दिया कि मामले की पूरी गंभीरता से जांच की जा रही है और किसी भी आरोपित को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वह पुलिस अधिकारी ही क्यों न हो।