पं.आर्यगिरि ने बताया कैलास-मानसरोवर को हिंदुओं का परम-तीर्थ

आसनसोल,जामुरिया स्थित निंगा के प्रमुख निंगेश्वर मंदिर के मुख्य पुजारी एवं साहित्यकार पं.आर्य प्रहलाद गिरि ने हिंदुओं के सर्वोच्च और प्राचीनतम तीर्थ कैलाश-मानसरोवर की भारत में पुनर्वापसी की कामना से अपने ही शिवमंदिर के प्रांगण में कई भक्तों के साथ मिलकर “भारत माता” और “कैलास-मानसरोवर” का चित्र के सामने दीप जलाकर विशेष रूप से हवन-पूजन किया।
इस अवसर पर वेद के राष्ट्रभक्ति सूक्त का एवं भारत-भारती के कुछ पदों का पाठ करने के बाद “सविता -गायत्री” मंत्र के अलावे “ओम् वंदेमातरम् “, जय भारत वंदे मातरम्, संपूर्ण अखंड भारत मातरम्, ओम् भूमंडल भारत मातरम् तथा “जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी” “वसुधैव कुटुंबकम् ” मंत्रों से भी आहुतियां दे देकर राष्ट्रोत्थान एवं विश्व- कल्याण की भी कामनाएं की गयीं!
विदित हो कि स्वामी दयानंद और विवेकानंद के आदर्शों को मानते हुए राष्ट्र और धर्म को एक ही सिक्के का दो पहलू बताने वाले पं.आर्यगिरि ने वर्षों से यह प्रण लें रखा है कि “तिब्बत के आजाद होने पर जब हमारा परम पूज्य तीर्थ – कैलास-मानसरोवर हमारे भारत को पुनः वापस मिल जायेगा, तभी मैं नमक खाऊंगा!”
कैलास मानसरोवर को ही आदि-मानवों (आर्यों) की वैदिक -सभ्यता की मूलभूमि बताते हुए पं.आर्य गिरि ने कैलास मानसरोवर यात्रा का प्रारंभिक शुभारंभ सफल होने एवं तिब्बत की स्वतंत्रता केलिए भी भारत माता की आरती के बाद यज्ञ-देव से सामूहिक प्रार्थनाएं भी कीं ।
इस अवसर पर प्रसाद के साथ साथ कैलास मानसरोवर का सुंदर मनमोहक चित्र भी सभी को देते हुए पं.आर्यगिरि ने कहा कि जैसे हर मुस्लिम घरों में मक्का मदीना का चित्र रहता है, हर ईसाई घरों में एरूसलम का चित्र रहता है, हर सिक्खों के घरों में स्वर्णमंदिर अमृतसर का चित्र रहता है, हर बौद्धों के घरों में बोधगया का चित्र रहता है ,उसी तरह हर हिंदुओं के भी घरों और मंदिरों में सर्वोच्च तीर्थ कैलाश-मानसरोवर का चित्र होना ही चाहिए!
राष्ट्रभक्ति पूर्ण इस राष्ट्र-यज्ञ में राजेंद्र पांडेय, दिलीप शर्मा, बृजनंदन बर्मा, डा. मनोज पासवान, डा. जनार्दन सिंह, प्रदीप सिंह, आदित्य यदुनंदन यादव, जीतेंद्र बर्मा, रवींद्र पांडेय, राजेंद्र व्यास, शालू अंजु अग्रवाल, उषा यादव, गुलाबी देवी नोनिया, मुस्कान यादव, कौशल्या देवी, अंजनी नोनिया, शांति देवी आदि अनेक श्रद्धालु भक्तजन सहर्ष शामिल रहे! एवं सभी ने कैलास मानसरोवर जाने की सौभाग्य प्रद इच्छाएं भी जतायीं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Open chat
1
Hello
Can we help you?