पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. लोकसभा चुनाव 2024 में बंगाल में करारी हार मिलने के बाद अधीर रंजन चौधरी समेत कई नेताओं ने इस्तीफा दिया है.
सभी ने कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के साथ सोमवार को मीटिंग भी की थी. बताया जा रहा है कि इसी मीटिंग में उन्हें हटाने का फैसला किया गया था. लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस की तरफ से ये पहला बड़ा एक्शन लिया गया है.
एक खबर के मुताबिक कांग्रेस आला कमान ने पश्चिम बंगाल के नेताओं को बुलाया था और मीटिंग की. मीटिंग में ही कोई ऐसा फैसला हुआ जिसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. एक जानकारी के मुताबिक अधीर रंजन चौधरी के अलावा राज्य में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष प्रदीप भट्टाचार्या, अब्दुल मन्नान, दीपा दासमुंशी, अमिताभ चक्रवर्ती, नेपाल महतो, मनोज चक्रवर्ती, ईशा खान चौधरी शामिल वगैरह शामिल हैं. बता दें कि दीपा दासमुंशी कांग्रेस महासचिव के साथ ही केरल, तेलंगाना और लक्षद्वीप की प्रभारी हैं.
यूसुफ पठान ने हराया:
अधीर रंजन चौधरी कांग्रेस के बड़े नेताओं में शुमार किए जाते हैं. वो 1999 से लगातार बंगाल की बहरामपुर लोकसभा सीट से जीतते आ रहे हैं. यही कारण है कि वो पिछले वर्ष लोकसभा में कांग्रेस के नेता भी थे. लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 में उन्हें टीएमसी नेता यूसुफ पठान ने हरा दिया. यूसुफ पठान ने लोकसभा चुनाव 2024 में ही सियासी एंट्री ली है और दिग्गज नेता को शिकस्त देना उनके लिए बड़ी सफलता साबित हुई.
ममती दीदी से कलेश:
बता दें कि अधीर रंजन चौधरी और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर चलता रहता है. चुनाव के दौरान भी यह सिलसिला जारी रहा था. ममता बनर्जी और उनकी पार्टी इंडिया गठबंधन का हिस्सा नहीं थीं लेकिन वो बाहर से सपोर्ट कर रही थीं. ना ही चुनाव में कांग्रेस और टीएमसी ने एक होकर हिस्सा लिया. बल्कि दोनों पार्टियों ने अपने-अपने उम्मीदवार उतारे थे. लेकिन कांग्रेस कुछ खास कर दिखाने में नाकाम साबित हुई.
