कोलकाता: तृणमुल कांग्रेस ने एक बार फिर IPS राजीव कुमार को पश्चिम बंगाल का डीजीपी बनाने का निर्णय लिया है। राजीव कुमार को नया डीजीपी घोषित करने के साथ ही मौजूदा डीजीपी संजय मुखर्जी का तबादला डीजी (फायर) के पद पर कर दिया गया है।
राजीव कुमार बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के चहेते माने जाते है।
आईपीएस अधिकारी राजीव कुमार को 31 दिसंबर 2023 को पश्चिम बंगाल पुलिस का डीजीपी नियुक्त किया था। लेकिन फिर चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव से पहले राजीव कुमार का तबादला कर दिया था, जिसके बाद एक बार फिर ममता सरकार ने उन्हें पश्चिम बंगाल का डीजीपी बनाने का फैसला लिया है।
कौन हैं आईपीएस राजीव कुमार?
बात अगर राजीव कुमार की करें तो IPS कुमार पश्चिम बंगाल कैडर के 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी राज्य आपराधिक जांच विभाग (सीआईडी) के अतिरिक्त डीजीपी रह चुके हैं। इसके साथ ही राजीव कुमार ममता सरकार के चहते भी माने जाते है। जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले सीबीआई ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले कुमार पर विशेष जांच दल (एसआईटी) का नेतृत्व करते हुए शारदा घोटाले की जांच के दौरान सबूतों को दबाने और छिपाने का आरोप लगाया था।
राज्य सरकार ने एसआईटी का किया था गठन
मिली जानकारी के अनुसार राज्य सरकार ने घोटाले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था। इसके साथ ही सारदा घोटाला 2013 में सामने आया था और सारदा चिटफंड में निवेश करने वाले लाखों लोग आर्थिक रूप से तबाह हो गए थे। राजीव कुमार उस समय बिधाननगर के पुलिस कमिश्नर थे।
राजीव और बीजेपी के रिश्तें
वहीं बात अगर आईपीएस राजीव कुमार और बीजेपी की करें तो इनके रिश्तें शुरुआत से ही कटघरे में रहे है। जहां दिसंबर 2023 में राजीव कुमार को बंगाल का डीजीपी बनाए जाने के बाद बीजेपी ने ममता सरकार पर सवाल उठाए थे। राजीव कुमार को राज्य पुलिस बल का मुखिया बनाए जाने पर बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा था कि ममता के नौकर को पुलिस महानिदेशक बनाया गया है, राजीव कुमार ने सारदा चिटफंड के मालिक सुदीप्तो सेन के सारे उपकरण नष्ट कर दिए थे।
