लोकसभा के लिए मतदान प्रकिया समाप्त हो चुकी है। आज नतीजे सामने आयेंगे। यूं तो अधिकांश EXIT POLL के अनुसार पूरे देश में भाजपा की बल्ले बल्ले है। यहां तक कि बंगाल में भी पिछले लोस चुनाव की बनिस्बत भाजपा तृणमूल से अधिक सीटें पायेगी, ऐसा कहा गया है। पर देश में विपक्षी I.N.D.I.A ने एक्जिट पोल को नकार दिया है। ममता ने भी इसे बकवास करार देते हुए अपनी भारी जीत को पक्का बताया है।
मैं पिछले कई चुनावों में चाहे वह लोकसभा का हो या राज्य विधानसभा का, मतगणना का साक्षी रहा हूं। यहां तक कि अतीत में मतपत्रों (बैलेट) से हुए चुनावों की मतगणना को भी देखा है। इसमें कैसे और कब गड़बड़ी हो सकती है, इसकी चर्चा भी सुनता रहा हूं। इस बार यह पहला अवसर है, जब बंगाल में दोनों प्रमुख पार्टियों टीएमसी तथा बीजेपी ने इस मुद्दे को सबसे ज्यादा महत्व दिया है। साथ ही पूरे देश में कांग्रेस ने भी इसके महत्व को समझते हुए समुचित कदम उठाये हैं। तृणमूल महासचिव अभिषेक बनर्जी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को सचेत किया है कि वे मतगणना के दौरान शुरू से ही सतर्क रहें तथा अंत तक डटे रहें, ताकि नन्दीग्राम जैसी घटना की पुनरावृत्ति न हो। ज्ञातव्य है कि पिछले विधानसभा चुनाव में नन्दीग्राम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी उम्मीदवार थीं। उनके मुकाबले भाजपा नेता शुभेन्दु अधिकारी मैदान में थे। मतगणना के दिन सबेरे से सायंकाल तक कड़ी टक्कर होती रही। एक बार तो पता नहीं कैसे ममता की जीत की अनधिकृत खबर भी फैल गयी। पार्टी कार्यकर्ताओं ने जीत का जश्न मनाने की तैयारी भी शुरू कर दी। पर अचानक बिजली गुल हो गयी और कुछ देर बाद परिणाम शुभेन्दु के पक्ष में आ गया। वह हार आज तक टीएमसी पचा नहीं पाई है। अदालत में भी मामला गया। पार्टी प्रवक्ता सेन टीवी डिबेट में शुभेन्दु को हमेशा लोडशेडिंग से जीता प्रार्थी बताते हैं। उधर शुभेन्दु अधिकारी बीच – बीच में सीना ठोक कर यह याद दिलाते रहते हैं कि उन्होंने मुख्य मंत्री ममता बनर्जी को हराया है। यह सभी जानते हैं कि बाद में उपचुनाव जीत कर ममता ने अपनी कुर्सी बरकरार रखी। इधर भाजपा ने भी अपने कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देकर मतगणना के दौरान हर तरह से सजग रहने का मंत्र दिया है। कांग्रेस व वाममोर्चा गठजोड़ भी इस मामले में सतर्कता बरत रहा है।
पिछली बार की भांति इस बार भी भारतीय चुनाव आयोग द्वारा मुझे नेताजी इन्डोर स्टेडियम अवस्थित मतगणना केन्द्र में बतौर रिपोर्टर जाने का अधिकृत पत्र (AUTHORITY LETTER) दिया गया है। अतः एक बार पुनः मतगणना का साक्षी बनने का अवसर मिला। इस केन्द्र में उत्तर कोलकाता सीट की मतगणना होगी, जहां मुख्य मुकाबला तृणमूल के सुदीप बनर्जी से हाल ही में टीएमसी से भाजपा में आये कद्दावर नेता तापस राय के बीच है। पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रदीप भट्टाचार्य ने इसे त्रिकोणीय संघर्ष बनाने की भरपूर कोशिश की है। अब देखना यह है कि ऊंट किस करवट बैठता है।