कोलकाता : पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला अंतर्गत रामपुरहाट ब्लाक के बगटुई गांव में नौ लोगों को जिंदा जलाए जाने की घटना में कोर्ट के आदेश के बाद जांच में जुटी केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की टीम ने पूछताछ शुरू कर दी है। केंद्रीय एजेंसी के 30 सदस्यों को लेकर जो टीम गठित हुई है उसने रामपुरहाट में अस्थाई कैंप बनाए हैं। यहां इस मामले में गिरफ्तार 11 आरोपितों को अपनी हिरासत में लेकर सीबीआई की टीम ने सोमवार को एक साथ पूछताछ शुरू की है। वारदात में अपने पूरे परिवार को खोने वाले मिहिलाल शेख, गिरफ्तार किए गए तृणमूल के रामपुरहाट ब्लॉक अध्यक्ष अनारूल हुसैन सहित सात लोगों को सोमवार को कैंप लगाया गया है और उनसे सवाल-जवाब शुरू हुए हैं। केंद्रीय एजेंसी के सूत्रों ने बताया है कि घटना में रामपुरहाट के सस्पेंडेड एसडीपीओ और थाना प्रभारी को समन किया गया है। आरोप है कि भादू शेख पर बमबारी के बाद उनकी मौत होते ही तनाव पसरने लगा था लेकिन पुलिस ने शांति सुनिश्चित करने के लिए कुछ भी नहीं किया। इसलिए इन दोनों अधिकारियों को कर्तव्य में लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड किया गया है। अब इनसे पूछताछ होगी। सूत्रों ने दावा किया है कि हिंसा की वारदात के बारे में जानकारी होने के बावजूद पुलिस ने कार्रवाई करने और मौके पर पहुंचने में लापरवाही बरती क्योंकि उन पर राजनीतिक दबाव बनाया गया था। इसलिए माना जा रहा है कि थाना प्रभारी और एसडीपीओ को सीबीआई गिरफ्तार भी कर सकती है। मामले में पहले से गिरफ्तार लालन शेख और आजाद शेख से भी पूछताछ हुई है। आरोप है कि लालन और आजाद ने आगजनी की घटना में बड़ी भूमिका निभाई थी। ऐसे 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इन्हें रविवार को ही सीबीआई ने अपने हिरासत में लिया है।
उल्लेखनीय है कि सीबीआई अधिकारियों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अर्धसैनिक बलों के 35 जवानों की तैनाती की है।