
रानीगंज कोयलांचल में कवि रवींद्र नाथ टैगोर की दादा प्रिंस द्वारकानाथ ने टैगोर एंड कंपनी नामक कंपनी कोयला व्यवसाय शुरू किया था। काजी नज़रुल की शिक्षा यहां से हुई यह हमारे शहर की पहचान है वहीं शहर के सबसे पुरानी आयुर्वेदिक दुकान धनंजय आयुर्वेद भंडार का नाम शहर प्रसिद्ध है। आयुर्वेद दुकान के एमडी रुद्र कुमार चौबे ने कहां की 75 वर्ष पुरानी उनकी दुकान है पूरे कोयलांचल में प्रत्येक लोग इस दुकान को पहचानते हैं। उन्होंने बताया कि उनके दादाजी केशव प्रसाद चौबे ने रानीगंज में आयुर्वेदिक दुकान की शुरुआत की कड़ी मेहनत करके इस दुकान का नाम आसपास के शहरों में भी प्रसिद्ध है। उसके बाद उनके पिता जय नारायण जी इस प्रतिष्ठान को काफी आगे लें गये। कुछ वर्षों से रुद्र कुमार चौबे इस प्रतिष्ठान को चला रहे हैं। उनके प्रतिष्ठान में वैद्यनाथ ,डाबर, झंडू ,उंझा, हमदर्द ,लामा फार्मा, चिरायु फार्मा ,केरल फार्मा के डीलर है। आयुर्वेद का शाब्दिक अर्थ जीवन का विज्ञान है यह स्वास्थ्य की एक ऐसी समग्र प्रणाली है जिसका प्राचीन काल से पालन किया जा रहा है। आयुर्वेद शारीरिक मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन की स्थिति को ठीक करता है आयुर्वेद उपचार से शरीर एवं मस्तिष्क में संतुलन स्थापित होता है।
