दी कश्मीर फाइल्स को लेकर बंगाल के शिक्षाविद की नसीहत : सबक लेने की जरूरत

 

कोलकाता । आज से महज तीन दशक पहले आजाद भारत में कश्मीरी पंडितों के नरसंहार पर बनी फिल्म “दी कश्मीर फाइल्स” को लेकर पूरे देश में समर्थन का दौर जारी है। पश्चिम बंगाल के शिक्षाविद ने भी इस फिल्म को देखकर सबक लेने की नसीहत देते हुए कहा है कि बंगाल के भी हालात इस तरह से हो सकते हैं अगर समय पर इससे सबक लेकर एकजुटता नहीं दिखाई गई तो।
एक वरिष्ठ शिक्षाविद् डॉ. अचिंत्य विश्वास ने ‘दी कश्मीर फाइल्स’ के बारे में सोशल मीडिया पर ‘धारणा’ शीर्षक के तहत लिखा, ” कश्मीर में पंडितों के कत्लेआम पर अजीबोगरीब बातें की जा रही हैं। कुछ लोग कहते हैं कि गुजरात फाइल्स खोले जाने चाहिए। तो क्या इसका मतलब यह है कि कश्मीर में पंडितों की हत्या सिर्फ इस बात के लिए जायज है क्योंकि गुजरात में भी कथित तौर पर ऐसा कुछ हुआ था? यह चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि हिंदू अगर समय पर सबक नहीं लेंगे और संभलेंगे नहीं तो उन्हें भी भविष्य में इसका परिणाम भुगतना पड़ेगा।

भारत में बड़े पैमाने पर धर्मांतरण पर लिखी गई सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता भगवान दास की किताब का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग आज खुद को कट्टर मुसलमान कहते हैं अथवा ब्राह्मणों से अलग कहते हैं उन्हें एक बार इस किताब को पढ़नी चाहिए। कश्मीरी हिंदुओं के साथ जो कुछ भी हुआ उससे समय पर सबक ले लेने की जरूरत है।

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