कोलकाता ; स्कूल सेवा आयोग (एसएससी) के जरिए नौवीं और दसवीं के शिक्षकों की नियुक्ति में हुई कथित धांधली के मामले में हाईकोर्ट सख्त हो गया है। इस संबंध में न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली की एकल पीठ ने एसएससी के एक पूर्व सलाहकार को कोर्ट में हाजिर होने को कहा था। बुधवार को मामले की सुनवाई थी लेकिन वह हाजिर नहीं हुए और न्यायालय में यह सूचना भिजवाई है कि वह बीमार हैं इसलिए नहीं आ सकते। इस पर नाराज न्यायाधीश ने कहा कि आवश्यकता पड़ने पर इन्हें रोगी के रूप में ग्रीन कॉरिडोर बनाकर हाई कोर्ट लाया जाएगा। इसके अलावा जो डॉक्टर उनका इलाज कर रहे हैं उन्हें भी बुलाया जाएगा और देखा जाएगा कि किस तरह की बीमारी है लेकिन न्यायालय में उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी।
आरोप है कि नियुक्ति पैनल में नाम नहीं रहने के बावजूद कई लोगों की भर्ती शिक्षक के तौर पर हुई है। 2016 की इस नियुक्ति के संबंध में न्यायमूर्ति ने तत्कालीन सलाहकार शांति प्रसाद सिन्हा और तत्कालीन प्रोग्रामिंग अधिकारी समरजीत आचार्य को न्यायालय में तलब किया था। बुधवार को सुनवाई के दौरान समरजीत तो हाजिर हुए लेकिन शांति प्रसाद नहीं पहुंचे थे। उनके अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि उनकी पीठ में दर्द है इसीलिए हाजिर नहीं हुए हैं। इसके बाद न्यायाधीश ने कहा कि न्यायालय में शांति प्रसाद की चिकित्सा का प्रिसक्रिप्शन जमा है। इसमें चिकित्सक का फोन नंबर और ईमेल आईडी भी लिखा हुआ है । इसके बाद उन्होंने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार को आदेश देते हुए कहा कि प्रिस्क्रिप्शन में जिस डॉक्टर का नाम है उन्हें फोन कर कल यानी गुरुवार सुबह 10:00 बजे कोर्ट में बुलाइए। डॉक्टर से मरीज के बारे में पूरी जानकारी लेने के बाद आवश्यकता पड़ने पर एंबुलेंस भेजा जाएगा और ग्रीन कॉरिडोर बनाकर शांति प्रसाद को अदालत में लाया जाएगा। यह जरूरी है। इसके बाद उन्होंने सुनवाई को गुरुवार तक के लिए मुल्तवी की है।