फतेहपुर धर्मराज काली माता मंदिर मे चल रहे विवाद पर दस महीने बाद आसनसोल अदालत ने सुनाया अपना फैसला

मंदिर के पुरोहित संतोष पंडित सहित इलाके के अन्य लोगों के लिये मंदिर का दरवाजा खोलने का दिया आदेश

अदालत के आदेश पर भी पुलिस नही खुलवा पाई मंदिर का दरवाजा पुरोहित ने मंदिर के बाहर करवाई मा काली की पूजा

आसनसोल, पश्चिम बंगाल आसनसोल नगर निगम के वार्ड संख्या 57 मे स्थित फतेहपुर ग्राम मे पिछले दस महीनों से धर्मराज काली मंदिर मे चल रही विवाद पर आखिरकार आसनसोल जिला अदालत ने मंदिर के पुरोहित संतोष पंडित के पक्ष मे फैसला सुना दिया है, जिस फैसले मे अदालत ने मंदिर का चाबी मंदिर के पुरोहित संतोष पंडित को शोपने का आदेश जारी कर दिया है, जिस आदेश के तहत बुधवार को आसनसोल साऊथ पुलिस फाड़ी फतेहपुर ग्राम पहुँची थी और पुलिस ने इलाके के रहने वाले एक पक्ष को मंदिर का चाबी मंदिर के पुरोहित संतोष पंडित को सौंपने के लिये अपील की पर उस पक्ष ने पुलिस की बात नही मानी और चाबी यह कहकर नही दिया की मंदिर के 16 आना कमिटी के अध्यक्ष के पास चाबी है, वह जबतक नही आते तबतक चाबी नही मिल सक्ति चाबी उनके पास ही रहती है, ऐसे मे पुलिस ने धर्मराज से फोन पर संपर्क किया धर्मराज ने उन्हें कहा की उनके पास ऐसा कोई अदालत का आदेश प्राप्त नही हुआ है की वह मंदिर का चाबी मंदिर के पुरोहित संतोष पंडित को दें, इसके आलावा उनका यह भी दावा था की संतोष पंडित ना तो मंदिर के 16 आना कमिटी से जुड़े हैं और ना ही मंदिर से उनका कोई लेना देना है बावजूद उसके वह जबरन मंदिर मे अपना कब्ज़ा झूठे कागजात के तहत जमाना चाहते हैं, ऐसे मे मंदिर के पुरोहित संतोष पंडित ने भी यह दावा किया है की काशीपुर के राजा ने उनको उक्त जमीन को दान मे दिया था उक्त मंदिर वर्षों पुराना है, ऐसे मे मंदिर का 2010 मे पूर्णनिर्माण का कार्य हुआ था, जिसके बाद से लगातार मंदिर मे माँ काली के अलावा अन्य तमाम देवी देवताओं का पूजा अनुष्ठान होता है, उनका यह भी कहना है की पहले मंदिर मे सब कुछ ठीक ठाक चल रहा था, इलाके के लोग मंदिर मे उनके नेतृत्व मे ही पूजा याचना कर रहे थे, पर अचानक से इलाके के ही कुछ लोग उनका वोरोध करते हुए अपनी दबंगई से मंदिर पर अपना कब्ज़ा जमा लिए और मंदिर मे ताला मारकर उनको मंदिर मे प्रवेश पर निषेध भी कर दिए, जिसके बाद मंदिर के पूरीहित संतोष पंडित ने 12 जुलाई 2023 को मंदिर पर अवैध रूप से कब्ज़ा करने वाले लोगों के ऊपर मामला दर्ज करवा दिया, इस बिच करीब दस महीनों तक मंदिर के पुरोहित संतोष पंडित व इलाके के कुछ लोग मंदिर मे पूजा करने से वंचित रहे, आखिरकार अदालत ने मंदिर के पुरोहित की शिकायत पर अपना फैसला सुनाया और मंदिर मे प्रवेश के साथ -साथ मंदिर मे पूजन व मंदिर का चाबी मंदिर के पुरोहित संतोष पंडित को सौंपने का आदेश जारी कर दिया, बावजूद उसके पुलिस अदालत के आदेश को पालन नही कर पाई और ना ही मंदिर का चाबी मंदिर के पीड़ित पुरोहित संतोष पंडित को दिला पाई, आखिरकार थक हार कर मंदिर के पुरोहित संतोष पंडित को इलाके के लोगों के साथ मिलकर मंदिर के बाहर माँ का पूजा अनुष्ठान करना पड़ा, संतोष पंडित ने यह भी कहा की वह मंदिर के दरवाजे पल लटके ताले की चाबी खिलवाने के लिए एक बार फिर से अदालत का रुख करेंगे वह ऐसा कोई भी कार्य नही करेंगे जिससे उनके पर कोई ऊँगली उठा सके

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