शेख शाहजहां पर 42 मामले, 41 में चार्जशीट फिर भी पुलिस ने नहीं की छूने तक की हिम्मत

कोलकाता, 28 फरवरी । संदेशखाली में सालों से महिलाओं के यौन उत्पीड़न और जमीन कब्जा करने समेत अन्य आपराधिक मामलों में जिस शेख शाहजहां की चर्चा आज पूरे देश में हो रही है, वह पुराना और कुख्यात अपराधी रहा है। किस कदर पुलिस ने उसे पकड़ने में लापरवाही बरती है और उसके अपराध का सरपरस्त बनी रही है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उसके खिलाफ पिछले चार सालों में गंभीर अपराधों के 42 मामले दर्ज हुए। जबकि आज तक उसके खिलाफ एक वारंट तक जारी नहीं हुआ।
42 मामले, में से 41 में चार्जशीट दाखिल हो चुकी है। फिर भी पुलिस ने शेख शाहजहां को ‘भगोड़ा’ घोषित नहीं किया। सूत्र के मुताबिक, उसके खिलाफ जितने भी मामले दर्ज हुए उनमें शिकायतकर्ता को या तो कोर्ट में पीछे हट जाना पड़ा, या पुलिस ने राजनीतिक तौर पर उसके नाम को ही हटा दिया था।
बशीरहाट के पुलिस अधीक्षक हुसैन मेहदी रहमान को जब इन सभी मुद्दों प्रतिक्रिया के लिए फोन किया गया तो उन्होंने तुरंत फोन काट दिया।
इलाके में उसका खौफ किस कदर है कि लोग उसके खिलाफ बोलने से घबराते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि जिस पर भी उसकी आंखें लाल हुई, उसकी जिंदगी तबाह हो गई क्योंकि पुलिस संरक्षक के वजाय, उसकी मददगार रही है।
8 जून 2019 को न्याजात थाने के भंगीपारा में गोलीबारी में प्रदीप मंडल, सुकांत मंडल, देवदास मंडलेरा की मौत हो गयी थी। मृतक के परिवार की ओर से नजात थाने में लिखित शिकायत दर्ज करायी गयी है। मृतक प्रदीप की पत्नी पद्मा ने कहा, ”मैंने शाहजहां के नाम से शिकायत दर्ज कराई है। उस केस को सीआईडी ​​ने ले लिया। जब आरोपपत्र अदालत में पेश किया गया तो पता चला कि शाहजहां का नाम हटा दिया गया है। हमने सीबीआई जांच के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाया है।

न्याजत थाने के सुंदरीखाली गांव के रहने वाले अरुण लश्कर ने दावा किया, ”2017 में मेरी संपत्ति को लेकर विवाद के दौरान शेख शाहजहां के करीबी जियाउद्दीन ने राजबाड़ी चौकी के पास मेरी पत्नी के साथ दुर्व्यवहार किया। विरोध करने पर पत्नी को पीटा गया।” उन्होंने दावा किया कि शाहजहां ने एक विरोध मार्च का नेतृत्व किया और गोलीबारी की, गोलीबारी में एक महिला घायल हो गई। उन्होंने आगे दावा किया कि शाहजहां के खिलाफ थाने में शिकायत दर्ज कराने के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। उल्टे शिकायतकर्ताओं को ही मामले में फंसा दिया गया था। 2009 में शाहजहां पर सरबेरिया में एक कार्यक्रम के दौरान मारपीट करने का आरोप लगा था। स्थानीय लोगों का दावा है कि फिर भी, शाहजहां के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई और पुलिस ने कार्रवाई नहीं की। ऐसी अनगिनत शिकायतें हैं जिनमें शेख शाहजहां और पुलिस की मिली भगत से स्थानीय लोगों का जनजीवन नर्क बना रहा।

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