पांडुआ, 06 फरवरी । बामपंथी शासन के दौरान पूर्व मेदिनीपुर के नंदीग्राम विदेशी कंपनी द्वारा केमिकल हब बनाए जाने और भूमि अधिग्रहण के फैसले को लेकर बड़ा आंदोलन हुआ था जिसने पश्चिम बंगाल में सत्ता परिवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
नंदीग्राम आंदोलन को एक दशक से ज्यादा समय बीत चुका है।अब हुगली जिले के पांडुआ में केमिकल कारखाने का निर्माण रोकने और जमीन की वापसी की मांग को लेकर स्थानीय लोग संगठित होकर बड़े आंदोलन की तैयारी में हैं।
दरअसल, हुगली जिले के पांडुआ ब्लॉक से सर्वमंगला इलाके के निवासी इलाके में केमिकल फैक्ट्री नहीं बनने देना चाहते क्योंकि केमिकल कारखाने से प्रदूषण बढ़ेगा। भूमि को हानि होगी। इसलिए अब वे संगठित होकर आंदोलन की तैयारी कर रहे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगला, कुलबरुई, मसुरिया, सोनाटिकरी और फतेपुर समेत कई गांवों के लोगों ने विद्रोह शुरू कर दिया है।
स्थानीय निवासियों का दावा है कि किसानों ने फैक्ट्री की बनाने के नाम पर जमीन ली गई थी। बाद में उन्हें पता चला कि इलाके में एक केमिकल फैक्ट्री बनेगी। तकरीबन छह माह पहले फैक्ट्री का निर्माण कार्य भी शुरू हो गया था।
स्थानीय ग्रामीणों का आरोप है कि केमिकल फैक्ट्री से इलाके में प्रदूषण फैलेगा। परिणामस्वरूप कृषि भूमि को नुकसान होगा। करीब पांच दिन पहले गांव के लोगों और पुलिस प्रशासन से बातचीत हुई थी। मामले का कोई हल न निकलने पर आक्रोशित स्थानीय लोगों के केमिकल फैक्ट्री का निर्माण कार्य बंद करवा दिया था।हालांकि, पांडुआ ब्लॉक सामूहिक विकास अधिकारी सेवंती विश्वास ने कहा, “ग्रामीणों से चर्चा की गई। लेकिन कोई समाधान नहीं निकला, चर्चा जारी हैं।”
बहरहाल, केमिकल फैक्ट्री को लेकर स्थानीय लोगों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को स्थानीय लोगों ने कहा कि यदि उनकी बाद नहीं सुनी गई तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे।