भुंईया समाज उत्थान समिति की ओर से एससी, एसटी, दलित वर्ग के अधिकारों की मांग को लेकर निकली गई स्वाभिमान रैली

आसनसोल । पश्चिम बर्दवान भुंईया समाज उत्थान समिति की ओर से बुधवार आसनसोल शहर में एक विशाल स्वाभिमान रैली निकाली गई। यह रैली पोलो मैदान से शुरू हुई। इससे पहले पोलो मैदान में एक विशाल जनसभा का आयोजन किया गया। जहां सिंटू भुंईया के अलावा भुंईया समाज के कई गणमान्य लोगों तथा अन्य राज्यों के कुछ पूर्व मंत्री भी उपस्थित थे। पोलो मैदान से निकली यह रैली जिला शासक कार्यालय तक गई। इस मौके पर भुंईया समाज से जुड़े हजारों लोग शामिल थे। कार्यक्रम के बारे में पत्रकारों से बात करते हुए सिंटू भुंईया ने कहा कि आज भूंईया समाज के लोग अर्धनग्न होकर इस रैली में शामिल हुए हैं। इसकी वजह यह है कि आज जिस तरह से एससी, एसटी तथा अन्य वंचित वर्ग के लोगों आदिवासी समाज के लोगों के साथ सौतेला आचरण किया जा रहा है। संविधान के धज्जियां उड़ाई जा रही हैं। इसी के खिलाफ अर्धनग्न होकर यह प्रदर्शन किया गया। उन्होंने कहा कि भुंईया समाज सहित अन्य एससी, एसटी, दलित वर्ग के लोगों को उनके अधिकारों से वंचित करके एक तरह से निर्वस्त्र ही किया जा रहा है। उसी को सबके सामने लाने के लिए प्रतीकात्मक रूप से यह विरोध प्रदर्शन किया गया है। उन्होंने कहा कि डॉ. भीमराव अंबेडकर ने जिस संविधान की रचना की थी। उसमें सभी को समान अधिकार दिया गया था। लेकिन आज इस संविधान को बदलने की कोशिश की जा रही है और दलित समाज को कुचलने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि जीवन के जिस अधिकार पर सबको समान अधिकार की बात संविधान में कही गई है। उसी संविधान को न मानते हुए सेल, रेल, भेल, कोल इंडिया जैसे राष्ट्रीय संसाधन आदिवासियों को उनके जल जंगल जमीन के अधिकारों से वंचित कर रहे हैं। उनको अपनी जड़ों से हटाया जा रहा है। इसी के खिलाफ यह आंदोलन किया जा रहा है और यह आंदोलन सिर्फ बंगाल नहीं बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश सहित हर उस जगह पर किया जा रहा है। जहां पर आदिवासी समाज के लोग रहते हैं और आदिवासियों और दलित समाज के लोगों पर अत्याचार हो रहा है। उन्होंने कहा कि यह आंदोलन सिर्फ बंगाल तक ही सीमित नहीं रहेगा। देश के सभी राज्यों में जायेगा और अपने अधिकार की लड़ाई लड़ेगा।

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