“निष्काम कर्म से होती है मोक्ष की प्राप्ति” – भागवताचार्य श्री हरीश तिवाङी

 

बाँधाघाट में श्रीमद्भागवत कथा का तीसरा दिन

“निष्काम कर्म से होती है मोक्ष की प्राप्ति” – भागवताचार्य श्री हरीश तिवाङी

“निष्काम कर्म से होती है मोक्ष की प्राप्ति। भगवान कृष्ण ने अर्जुन को निष्काम कर्मयोग का उपदेश देते हुए कहा, “जो सुख-दुख, लाभ-हानि, जीत-हार, सफलता-असफलता, जीवन-मृत्यु, भूत और भविष्य की चिंता नहीं करता है, अपने कर्तव्य में लीन रहता है, वही सच्चा निःस्वार्थ कर्मयोगी है।” उक्त बातें नया मंदिर, बाँधाघाट-हावड़ा में श्री डीडवाना नागरिक सभा द्वारा आयोजित सप्त दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के तृतीय दिन भागवताचार्य श्री हरीश तिवाङी ने निष्काम कर्म योग पर बोलते हुए कही। आज की कथा में जड़भरत चरित्र, अजामिलोपाख्यान, भक्त प्रहलाद चरित्र एवं गजेंद्र मोक्ष आदि पर भी प्रवचन हुए।

संस्था अध्यक्ष अरुण प्रकाश मल्लावत ने जानकारी देते हुये बताया कि भगवान नारायण की प्रेरणा से बंगेश्वर महादेव मंदिर परिसर में प्रतिदिन अपराह्न 3 बजे से आरंभ होकर सायं 6 बजे
तक चलने वाली इस कथा का समापन आगामी शुक्रवार दिनाँक 29 सितम्बर को होगा। उन्होने बताया कि कल श्री कृष्ण जन्मोत्सव मनाया जाएगा।

पंडित श्री गिरधर गोपाल शर्मा के सानिध्य में नित्य पूजन कार्य मुख्य यजमान नागोरी परिवार के डॉ. श्रीबल्लभ एवं राजेश नागोरी द्वारा किया गया। दैनिक यजमान थे अरुण प्रकाश मल्लावत एवं ओम प्रकाश बांगङ तथा श्रृंगार यजमान थे सम्पत मान्धना, मनोज काकङा, विष्णुकांत गटाणी एवं बनवारी लाल जोशी। आयोजन का कुशल संचालन किया श्रीमती अलका काकङा ने।

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