तृणमूल सरकार का भ्रष्टाचार जनता को केन्द्रीय योजनाओं के लाभ से कर रहा है वंचित : डा दिनेश शर्मा

 

कोलकाता, 9 जून । पूर्व उपमुख्यमंत्री डा दिनेश शर्मा ने दक्षिण 24 परगना के जयनगर में कहा कि बंगाल में तृणमूल सरकार के भ्रष्टाचार का दीमक जनता को केन्द्र सरकार की योजनाओं के लाभ से वंचित कर रहा है। बंगाल में विकास कार्य पूरी तरह से ठप्प हो गए हैं। हर विभाग से वसूली हो रही है। पुलिस प्रशासन पार्टी विशेष का कार्यकर्ता बनकर रह गया है।
केन्द्र की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के नौ साल पूर्ण होने के अवसर पर चल रहे महासम्पर्क अभियान के तहत आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि बंगाल की जनता के मन में भाजपा के पक्ष में हाई वोल्टेज करंट बह रहा है। वह आने वाले चुनाव में भाजपा को 35 से अधिक सीट पर चुनाव जिताकर केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार सरकार बनवाने जा रही है। भाजपा की इस जीत के बाद बंगाल में दीदी के भ्रष्टाचार का किला भरभराकर ढह जाएगा।
तृणमूल पर बंगाल को गर्त में ले जाने का आरोप लगाते हुए डा शर्मा ने कहा कि प्रदेश में माफिया राज हावी है। आज सूबे में खनन, गिट्टी , पशु तस्करी , सोने की तस्करी का माफिया हावी है और हत्या अपहरण महिलाओं से बदसलूकी एक व्यवसाय बन गया है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भी 2017 में भाजपा की सरकार बनने के पहले यही हाल था पर छह साल में ही यूपी से अपराध और अपराधी व माफिया गायब हो गए हैं। आज प्रदेश में 3.90 लाख करोड़ का निवेश आया है। 20 हवाई अड्डे बन गए हैं। आज यूपी के हर जिले में मेडिकल कालेज बन गए हैं। पिछले पांच साल में 250 माध्यमिक विद्यालय व 78 डिग्र्री कालेज बने हैं। उन्होंने कहा कि सुशासन भाजपा की सरकारों की पहचान है और यहां के बुआ भतीजे को सुशासन का मंत्र सीखने की जरूरत है जिससे कि बंगाल की जनता भी देश में हो रहे विकास के साथ कदमताल कर सके । इसके लिए उन्हें दिल्ली अथवा यूपी जाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अथवा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सुशासन का मंत्र लेने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आज पूरे विश्व के नेता के तौर पर उभरे हैं आज उनकी लोकप्रियता देश की सीमाओं के पार पहुच चुकी है। आज बडे बडे देशों के नेता उनका नेतृत्व स्वीकार कर रहे हैं।
यूपी के पूर्व उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बंगाल के विकास के लिए केन्द्र सरकार तो कटिबद्ध है पर विकास के लिए राज्य सरकार का सहयोग नहीं मिल रहा है । जो बंगाल किसी समय में सबसे सम्पन्न राज्य हुआ करता था तथा देश के लोगों को नौकरी से लेकर व्यवसाय देता था वह आज कराह रहा है। इसके विकास को काग्रेस और कम्युनिस्टों ने स्लो पॉइजन देकर खराब किया और पिछले 10 साल में तृणमूल ने तो इसका बेडा ही गर्क कर दिया है। चौडी सडकों वाले बंगाल में सडकें खस्ताहाल हैं और पता ही नहीं चलता कि सडक में गडढा है कि गडढे में सडक है। कभी रोजगार देने वाले बंगाल का हाल कुछ ऐसा है कि अब यहां के लोगों को नौकरी के लिए दूसरे राज्यों में जाना पड रहा है। राज्य के इस पतन का सबसे बडा कारण भ्रष्टाचार है जो पिछले पांच साल में चरम सीमा पर पहुच गया है। डा शर्मा ने कहा कि यहां पर दीदी के अलावा पर्दे के पीछे भी एक मुख्यमंत्री है। जबसे उन्होंने कमान संभाली है सूबे का कोई विभाग ऐसा नहीं बचा है जहां से वसूली नहीं होती हो। भारत सरकार की मुद्रा योजना व मनरेगा जैसी योजना के लाभार्थी इन योजनाओं का लाभ पाने की अभी राह ही देख रहे हैं। इसका पैसा कहा गया कुछ पता नहीं है। मनरेगा का तो पूरा पैसा भी खर्च नहीं किया गया है। प्रधानमंत्री आवास और शौचालय योजना का हाल भी कुछ ऐसा ही है कि पैसा कहां गया किसी को पता नहीं है। प्रधानमंत्री ने देश के लोगों के लिए आयुष्मान भारत योजना के तहत 5 लाख तक के उपचार की व्यवस्था की है पर बंगाल के लोगों को प्रधानमंत्री द्वारा दिया गया स्वास्थ्य सुरक्षा का यह कवच भी नहीं मिल रहा है। किसान सम्मान निधि देश के अन्य राज्यों के किसानों को राहत दे रही है पर बंगाल का किसान आज भी इससे वंचित ही है। बंगाल में गांवों में आज भी बिजली सडक जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं हैं। नौजवानों को रोजगार नहीं मिल रहा है । सरकारी कर्मचारी को पूरा डीए तक नहीं दिया जा रहा है। ऐसा लगता है कि राज्य सरकार ने राज्य के विकास को बंगाल की खाडी में फेंक दिया है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा के कार्यकर्ताओं का उत्पीडन हो रहा है। भाजपा के कार्यक्रमों को अनुमति नहीं दी जाती है। यह उत्पीडन अधिक चलने वाला नहीं है। इसे रोका जाना चाहिए नहीं तो आने वाले चुनाव में जनता इसका जवाब दे देगी।

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