ईद की नमाज में शामिल हुईं ममता, कहा : शांति से‌ त्यौहार मनाएं, किसी के बहकावे में न आएं

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कोलकाता, 22 अप्रैल । कोलकाता के रेड रोड में शनिवार सुबह आयोजित हुई ईद की नमाज में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शिरकत की। उन्होंने सभी को मुबारकबाद देते हुए शांति से त्यौहार मनाने की नसीहत दी है। मुख्यमंत्री के साथ उनके भतीजे और तृणमूल के अखिल भारतीय महासचिव अभिषेक बनर्जी भी ईद समारोह में शामिल हुए। उस मौके पर ममता ने कहा था, ‘सब लोग शांति से रहें। किसी के बहकावे में न आएं। भाजपा बंगाल में अशांति पैदा करने की कोशिश कर रही है। मैं किसी भी तरह से बंगाल में अशांति बर्दाश्त नहीं करूंगी।”

देश के संविधान और इतिहास को बदलने का आरोप लगाते हुए ममता ने इस‌ मजहबी आयोजन से भी केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, “जब लोकतंत्र जाता है, तो सब कुछ जाता है। आज देश का संविधान और इतिहास बदल रहा है। उसके बाद उन्होंने (केंद्र) एनआरसी लाने की बात कही। लेकिन मैं कुछ नहीं होने दूंगी। मैं नहीं झुकूंगी। हम लड़ेंगे, हम डरेंगे नहीं।”

उन्होंने यह भी कहा कि अगर किसी को लगता है कि मुस्लिम वोट मुझसे टूट जाएगा, तो यह संभव नहीं है।
साथ ही उन्होंने सभी से 2024 के लोकसभा चुनाव में केंद्र में सत्ता परिवर्तन के लिए मतदान करने का अनुरोध किया।

उन्होंने कहा, ‘भाजपा बांटने की राजनीति करती है। और एक साल बाद लोकसभा चुनाव है। सरकार में कौन रहेगा, यह तय होगा। आगामी लोकसभा चुनाव में आप सभी मिलकर मतदान करेंगे।

साथ ही मुख्यमंत्री ने रेड रोड कार्यक्रम के मंच से सभी को एकजुट होने का संदेश दिया। उन्होंने कहा, अगर सब एकजुट हो जाएं तो केंद्र की सत्ता पलट सकती है।

ममता ने संबोधन में केंद्र द्वारा जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप एक बार फिर लगाया। उन्होंने यह भी साफ कर दिया कि वह लड़ाई के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा, “हमें केंद्रीय जांच एजेंसियों से भी लड़ना है। हमें और परेशान किया‌ जाएगा लेकिन हम लड़ने के लिए तैयार हैं।”

अभिषेक ने भी यह कहते हुए भाजपा सरकार पर भी निशाना साधा कि जो लोग देश को बांटना चाहते हैं उनका अंत भला नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘जो देश को बांटना चाहते हैं उनका क्या होगा यह आने वाले दिनों में स्पष्ट हो जाएगा। कई लोग धर्म के नाम पर मतभेद पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। प्रलोभन में ना जाए। चांद दिखने पर ईद मनाते हैं। चांद को देखकर भी हिंदू त्योहार मनाए जाते हैं। चांद का क्या धर्म है? शरीर में बहने वाले रक्त का भी कोई धर्म नहीं होता। बंगाल में धर्म के नाम पर कोई भेदभाव नहीं है। और इसीलिए बंगाल अन्य सभी राज्यों से अलग है।

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