पश्चिम बंगाल और झारखंड की गोद में बसा मैथन डैम

 

आस्था और आकर्षण का केंद्र मैथन डैम

आसनसोल: पश्चिम बंगाल-झारखंड की गोद में स्थित मैथन डैम ने अपना नाम “माँ का स्थान” से लिया है, जिसका अर्थ है हिंदू देवी माँ कल्याणश्वरी ।यदि आप आध्यात्मिक मानसिकता के हैं तो आपको माता देवी कल्याणेश्वरी के प्राचीन मंदिर भी जाना चाहिए। माँ का दरबार मैथन डैम से लगभग 2 किलोमीटर नीचे की ओर है। जो पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्धमान जिले के आसनसोल के कल्याणेश्वरी में स्थित है जो बरकर नदी के तट पर स्थित है। कल्याणेश्वरी मंदिर एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है काफ़ी आस्था का केन्द्र है बराकर से करीब 7 किलोमीटर और एनएच 2 बाय-पास से करीब 1 किलोमीटर दूर है। यह कल्याणेश्वरी’ मंदिर पश्चिम बंगाल और झारखंड राज्य का एक लोकप्रिय मंदिर है। जिसे देवी काली शक्ति के रूप में पूजा की जाती है यह हिंदू मंदिर मूल रूप से महाराजा हरि गुप्त द्वारा बनाया गया था यह पवित्र और धार्मिक मंदिर पश्चिम बंगाल में सबसे पुराना माँ काली मंदिरों में से एक है। कल्याणेश्वरी ‘शक्ति’ पूजा के 500 वर्षीय, लोकप्रिय तीर्थ केंद्र हैं। नव वर्ष पर काफी संख्या में श्रद्धालु माँ के दर्शन को आते हैं । मैथन डैम मे अंडरग्राउंड पावर स्टेशन वाला बांध पूरे दक्षिण पूर्व एशिया में अद्वितीय है। जिस जगह पर मैथन डैम बनाया गया है वह 65 वर्ग किलोमीटर से अधिक फैला हुआ है। मैथन डैम वर्ष 1948 में दामोदर घाटी निगम (डीवीसी लिमिटेड) द्वारा विकसित किया गया था जिसका बांध लगभग 15712 फीट लंबा और लगभग 165 फीट लंबा है। भूमिगत पावर स्टेशन में बिजली की लगभग 60,000 किलोवाट बिजली उत्पादन क्षमता है और डीवीसी एवं मैथन थर्मल पावर द्वारा बिजली उत्पादन की जाती हैं। मैथन डैम स्वयं एक खूबसूरत झील और खूबसूरत हरे जंगलों के बीच स्थित है।यहाँ से सूर्योदय और सूर्यास्त देखना पर्यटकों के लिए दर्शनीय है डैम पर प्रत्येक वर्ष लाखो की संख्या में सैलानी घूमने आते हैं साल के दिसम्बर और जनवरी माह में पर्यटकों की संख्या काफी रहती हैं.मैथन डैम को झारखण्ड का स्वर्ग व कियून वैली के भी नाम से जानता हैं. प्राकृतिक की अद्भुत नजारा डैम के आसपास देखने को मिलता है और बड़ा ही मनमोहक दृश्य है लोग डैम की यादों को अपने कैमरे में कैद करते हैं मैथन डैम का मनमोहक झील सुंदर से फूलो की बागान एवं मिलेनियम पार्क लोगों को अपनी ओर आकर्षित करती है देश के कई राज्यों से सैलानी मैथन डैम का अद्भुत नजारा को देखने बड़ी संख्या में आते हैं खास कर दिसंबर और जनवरी माह में आते हैं। पिछले दो वर्षों से कोरोना का कहर मैथन डैम पर भी दिखा काफी कम संख्या में यहां पर्यटक दिखे परंतु इस बार ऐसा कयास लगाई जा रही है कि मैथन डैम में अच्छी खासी तादाद में सैलानी आएंगे। दामोदर घाटी निगम डीवीसी की ओर से तैयारियां पूरी पर्यटकों को लुभाने के लिए दामोदर वैली कारपोरेशन डीवीसी कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाह रहे हैं पिछले दो-तीन माह से डीवीसी द्वारा डैम की साफ-सफाई रंग रोगन तथा फूलों की बागानों को अच्छी तरह से देख रेख कर रहे हैं ताकि जो भी पर्यटक मैथन आए ओ भूल ना पाए। मैथन डैम में प्रशासन भी है मुस्तैद दिसंबर और जनवरी माह में मैथन डैम में लाखों की संख्या में सैलानी आते हैं जिसे लेकर प्रशासन की ऊपर भी बड़ी जिम्मेवारी रहती है कोई अप्रिय घटना ना घटे जिसे लेकर डैम के चारों दिशा में चप्पे-चप्पे प्रशासन मुस्तैद हैं पिछले दिनों डीवीसी प्रशासनिक भवन में एक उच्च स्तरीय बैठक हुई जिसमें कई निर्णय लिए गए हैं पर्यटक की संख्या को देखते हुए डैम पर सभी बोट संचालकों को निर्देश दिया गया है कि क्षमता से अधिक वोटों पर पर्यटकों को ना बैठाए एवं बोट पर चढ़ने वाले सभी व्यक्तियों को लाइफ जैकेट अनिवार्य रूप से पहना है. प्रशासन की ओर से डैम में हेल्प डेक्स भी बनाए गए हैं ताकि पर्यटकों का किसी प्रकार का असुविधा ना हो एवं डैम में शराब सेवन या ध्रूमपान पान का सख्त मनाही है वैसे लोग पकड़े जाने पर दण्डनात्मक कार्रवाई की जाएगी

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