राजस्थान से आएंगे विंध्यधाम को संवारने 50 मजदूर, विकास कार्य को मिलेगी रफ्तार


 

विंध्यधाम के विकास कार्यों में लगे 450 मजदूरों को मिला रोजगार

राजस्थान, लखनऊ, बाराबंकी समेत पूर्वांचल के मजदूरों को मिला रोजगार

मीरजापुर । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट विंध्यधाम के विकास कार्यों से सैकड़ों मजदूरों को उनके दो वक्त की रोटी का सहारा मिल गया है। खास बात यह है कि ये रोटी उन्हें किसी दया के सहारे नहीं, बल्कि उनके हुनर और आत्मनिर्भरता के बल पर मिली है।

विंध्यधाम में चल रहे विकास कार्य में राजस्थान, लखनऊ, बाराबंकी, आजमगढ़ व पूर्वांचल समेत स्थानीय मजदूर भी जुटे हैं। विकास कार्य को रफ्तार देने के लिए अब 50 मजदूर और बढ़ाए जाएंगे। ये सभी मजदूर राजस्थान से बुलाए गए हैं, जो पत्थर काटने का काम करेंगे।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का निर्देश है कि चैत्र नवरात्र तक परिक्रमा पथ बनकर तैयार हो जाना चाहिए। गुणवत्ता व फिनिशिंग पर भी विशेष जोर है। ऐसे में प्रशासनिक सक्रियता बढ़ गई है।

मंडलायुक्त डा. मुथुकुमार स्वामी बी. ने भी निर्देश दिया है कि मजदूरों की संख्या बढ़ाकर निर्माण कार्य में तेजी लाई जाए। यही नहीं, मजदूरों की संख्या बढ़ाने के साथ कहां-कहां मजदूर लगे हैं, काम करते समय उसकी फोटो भी प्रोजेक्ट मैनेजर से मांगी है। साथ ही लापरवाही पर कार्रवाई की सख्त हिदायत दी है। वहीं 22 मार्च से विंध्यधाम में चैत्र नवरात्र मेला आरंभ होगा। ऐसे में दर्शनार्थियों की सुविधा के दृष्टिगत डीएम दिव्या मित्तल ने कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम को 10 मार्च तक का समय दिया है यानी 10 मार्च को निर्माण कार्य ठप हो जाएगा। ससमय निर्माण कार्य को लेकर कार्यदायी संस्था लगातार प्रयासरत है।

विंध्यधाम के विकास कार्य में जिस तरह से मजदूरों को काम देने की बात हुई है, वह मजदूरों के लिए मां विंध्यवासिनी के आशीर्वाद से कम नहीं है। मजदूरों का कहना है कि आदिशक्ति जगत जननी मां विंध्यवासिनी धाम में काम करना सौभाग्य की बात है। विंध्यधाम में सेवा-भाव से काम करने के साथ परिवार का गुजर-बसर भी आसानी से हो रहा है। अभी दिसंबर तक काम चलेगा। ऐसे में 10 माह तक काम के लिए भटकने की जरूरत नहीं है। विंध्यधाम का विकास कार्य पूर्ण होने तक हम सभी कहीं नहीं जाएंगे। यहीं पर काम करेंगे।

कार्यदायी संस्था राजकीय निर्माण निगम के सहायक अभियंता राजकुमार पांडेय ने बताया कि विंध्यधाम के विकास कार्य में कुल 450 मजदूर लगे हैं। पत्थर काटने के लिए राजस्थान से 50 मजदूर और बुलाए गए हैं। दरअसल, अहरौरा के गुलाबी पत्थर राजस्थान से तराशकर मंगाए गए हैं। ऐसे में इन पत्थरों का कटिंग राजस्थान के ही कारीगर फिनिशिंग के साथ कर सकेंगे।

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