रानीगंज(संवाददाता):अपने बच्चों के संस्कार जीवन जैसा चाहो वैसा बना लो। चाहे उसको स्वर्ग बना लो चाहे उसे को नर्क बना लो। जब जल की बूंद समुद्र से मिल जाती है तो समुद्र की बूंद बन जाती है और जब गंगा में मिलती है तो गंगा की। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित रानीगंज के लाइंस क्लब सभागार में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए माउंट आबू के आश्रम प्रमुख बीके मृत्युंजय ने उक्त विचार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि हम दुनिया से मिलने का प्रयास करते हैं। किंतु भगवान से मिलने का प्रयास नहीं करते हैं। भगवान से मिलने का मार्ग ब्रम्हाकुमारीयों द्वारा सिखाया जाता है। जिससे मानव जीवन का उद्देश्य पूरा होता है। अगर घर में स्वर्ग चाहते हो तो बच्चों को संस्कार दिलाएं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल एक सांस्कृतिक राज्य है। यहां एक से बढ़कर एक का जन्म हुआ है। आगे बढ़ने की जरूरत है।
राजयोगी बीके कानन दीदी जी ने कहीं कि आज तो चारों ओर पापचार, दुरचार, भ्रष्टाचार, अन्याय, पक्षपात, हिंसा, दिखावा, लोग, क्रोध, अहंकार की घोर अमावस है। ऐसे में हमें भी आवश्यकता है एक ऐसे रोशन दीपक की जो इस मानव व्याप्त अंधकार को मिटाए। भगवान कहते हैं। हे मानव तेरा शरीर मिट्टी का बना है। इसमें आत्मा और की ज्योति भी है पर वह बुझी हुई है, उसमें आप ज्ञान का घृत नित्य प्रति डाल, भीतर की रोशनी फैलेगी तो बाहर का पापाचार दुराचार सब मिट जाएगा।
कार्यक्रम में विधायक तापस बैनर्जी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में जो सब गुण विराजमान है उसे बस ग्रहण करने की जरूरत है इसके लिए इस संस्था की अहम भूमिका है जो हमारे अपने संस्कृति से जोड़ती है। इस अवसर पर लायंस क्लब रानीगंज के अध्यक्ष संदीप केडिया, बोरो प्रभारी दिव्येंदु भगत, डॉ अनंत कुमार प्रमुख उपस्थित थे। मंच का संचालन शेफाली बहन जी ने की। अवसर पर रोड सेफ्टी बाइक एवर्नेस का भी उद्घाटन की गई।