कोलकाता । उत्तर बंगाल के दार्जिलिंग में स्थित राजभवन के द्वितीय परिसर में राज्यपाल जगदीप धनखड़ की उपस्थिति में असम के मुख्यमंत्री हेमंत विश्व शर्मा और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात बुधवार को हुई है। इसे लेकर कई तरह के राजनीतिक कयास लगाए जा रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि राष्ट्रपति पद के लिए द्रौपदी मुर्मू के समर्थन के बाबत भाजपा के दूत के रूप में हेमंत विश्व शर्मा ने ममता से मदद मांगी है। वैसे द्रौपदी मुर्मू की जीत लगभग सुनिश्चित है लेकिन भारतीय जनता पार्टी उन्हें रिकॉर्ड मतों से राष्ट्रपति पद पर आसीन करना चाहती है। इसके लिए विपक्षी पार्टियों के अध्यक्षों को भी भाजपा की ओर से पत्र लिखकर मदद मांगी जा रही है। हालांकि इस मुलाकात के बाद ममता बनर्जी ने स्पष्ट कर दिया है कि इस तरह की कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई है।
दरअसल गोरखा टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) के नव निर्वाचित सदस्यों के शपथ ग्रहण का हिस्सा बनने के लिए ममता बनर्जी सोमवार शाम को ही उत्तर बंगाल पहुंच गई थीं। मंगलवार को नवनिर्वाचित सदस्यों के शपथ ग्रहण में उन्होंने हिस्सा लिया था। इसके बाद जीटीए अध्यक्ष को शपथ दिलाने के लिए बुधवार को राज्यपाल जगदीप धनखड़ उत्तर बंगाल पहुंचे थे। वहां पहले से ममता भी मौजूद हैं। राज्यपाल ने ट्वीट कर बताया कि उन्होंने असम के मुख्यमंत्री को दार्जिलिंग स्थित राजभवन में चाय पर आमंत्रित किया है जिसके बाद हेमंत विश्व शर्मा पहुंचे थे। राज्यपाल ने जो वीडियो क्लिप ट्वीट किया है उसमें देखा जा सकता है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्यपाल और हेमंत विश्व शर्मा दोनों का स्वागत कर रहे हैं। दोनों के बीच करीब आधे घंटे तक बैठक हुई है। इसकी जो तस्वीर सामने आई है उसमें देखा जा सकता है कि टेबल के एक और राज्यपाल बैठे हुए हैं जबकि दूसरी और दो अलग-अलग सोफे पर आमने-सामने हेमंत विश्व शर्मा और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी बैठी हुई हैं। यहां से बाहर निकली बनर्जी ने मीडिया से बातचीत में कहा मैंने थोड़ी सी चाय पी है और एक बिस्कुट खाई हूं। कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई है। केवल शिष्टाचार भेंट थीं। द्रौपदी मुर्मू के समर्थन संबंधी सवाल के जवाब में ममता ने कहा कि कोई राजनीतिक चर्चा नहीं हुई है। उनकी पार्टी अलग है मेरी पार्टी अलग है। निश्चित तौर पर इस मामले में चर्चा का सवाल ही नहीं उठता। ममता ने कहा कि हेमंत विश्व शर्मा ने उन्हें असम का अंग वस्त्र दिया है और मैंने भी उन्हें बंगाल का अंग वस्त्र पहनाया है। ममता ने यह भी बताया कि जब मैं कामाख्या मंदिर गई थी तो असम सरकार से काफी मदद मिली थी। इस बारे में मैंने आभार जताया है। उन्होंने कहा कि असम और पश्चिम बंगाल एक दूसरे के पड़ोसी राज्य हैं। दोनों की सीमा एक दूसरे से लगी हुए है और दोनों ही राज्यों के लोग दोनों राज्यों में रहते हैं। इसीलिए दोनों सरकारों में बेहतर तालमेल और सौहार्दपूर्ण संबंध होने चाहिए।
उल्लेखनीय है कि राजभवन में दोनों मुख्यमंत्रियों की इस मुलाकात को लेकर कांग्रेस ने तंज कसा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि भाजपा और माकपा के बीच सांठगांठ काफी पहले से रहा है। अब चुनाव आने वाले हैं और दोनों एक दूसरे की कैसे मदद कर सकते हैं इस बारे में बैठक हुई है।