जामुड़िया। जहाँ एक ओर गरीब लोगों को सेवा हेतू ओर उन्हे बेहतर इलाज के लिए अस्पताल को खोला जाता है वही जामुड़िया नंदी रोड स्थित एमबी लायंस अस्पताल में अचानक ताला जड़ देने से उस अस्पताल में कार्य कर रहे नर्स ओर डाक्टर को भी इस समस्या का सामना करना पड़ रहा है यहाँ पर अपने इलाज कराने के लिए आये गरीब लोगों को भी ताला लग जाने के कारण अस्पताल से बगैर इलाज करायें वापस अपने घर जाना पड़ रहा है अचानक मारे गये ताला के बारे में पूछे जाने पर एक नर्स ममता दास ने बताया कि यहाँ पर हमलोग कुल 15 स्टफ है। आज सुबह अचानक आकर एमबी लायंस अस्पताल के अधिकारी ने मुख्य गेट अस्पताल एवं मेडिकल में ताला लगाकर चले गए जिसके कारण हमलोगो को सहित यहाँ पर इलाज कराने के लिए आये लोग बगैर इलाज करायें वापस अपने घर जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि घटना के असली कारणों का तो हम को नहीं पता लेकिन बताया जा रहा है कि रिन्यूअल ना होने की वजह से ऐसा हुआ है वही यहाँ के मेनेजमेन्ट कार्तिक बैनर्जी ने कहा कि ताला लगाने को लेकर हमलोगों कई एक बार विरोध भी किया था लेकिन जब इसका विरोध करने पर हमलोगो को कई बार धमकी भी दिया गया जब हमने पूछ कि ताला क्यो मारा जा रहा है तो वह लोग बोल रहे हैं कि इस अस्पताल का रेनुअल नहीं हुआ इसका मतलब यह है कि यह अस्पताल अभी तक बगैर रेणुअल का ही चल रहा था इसे लेकर जामुड़िया थाना को भी एक लिखित शिकायत दर्ज कराया गया था आज भी जब ताला लगाने के लिए इस अस्पताल के अधिकारी आया तो थाना को कई एक बार फोन किया गया लेकिन एक बार भी यहाँ पर कोई भी पुलिस अधिकारी नहीं पहुँचे ओर जोर जबरदस्ती सभी जगहों पर ताला लगाकर चले गए जिसके कारण हमलोग अभी तक यही फसे हुए हैं । उन्होंने कहा कि सुचित्रा बनर्जी पवन बजोरिया और लायंस क्लब के अन्य सदस्य गण इस अस्पताल को बंद करना चाहते हैं पुलिस प्रशासन से गुहार लगाकर भी कोई फायदा नहीं हुआ है एडीपीसी में भी इस संदर्भ में शिकायत दर्ज कराई गई है लेकिन अभी तक कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया है। कार्तिक बनर्जी ने कहा कि आज तो हद हो गई और अस्पताल की नर्सों तक को बंद कर दिया गया उन्होंने कहा कि उन लोगों को 7 दिन के अंदर यहां से चले जाने को कहा जा रहा है जबकि नियम के अनुसार उनको कम से कम 6 महीने का समय देना चाहिए था। दूसरी तरफ मरीजों का इलाज करने आए ड अभिजीत सरकार ने कहा कि वह यहां मरीजों का इलाज करने अपने चेंबर आए थे लेकिन ताला लगा दिया गया जिससे वह अभी अस्पताल के अंदर ही बंद हो गए हैं उन्होंने कहा कि ऐसा क्यों हुआ यह उनको नहीं पता ।