पश्चिम बंगाल में विशेष मतदाता सूची संशोधन पर विवाद, सरकार ने मुख्य चुनाव अधिकारी से स्पष्टिकरण मांगा

कोलकाता, 9 अगस्त  । पश्चिम बंगाल में वोटर लिस्ट के स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (एसआईआर) की तारीख को लेकर अभी तक चुनाव आयोग की ओर से कोई स्पष्ट दिशानिर्देश जारी नहीं किया गया है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि एसआईआर लागू होने पर राज्य का मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) कार्यालय इसकी पूरी तैयारी होने की सूचना आयोग को दे चुका है।

शुक्रवार को इस संबंध में खबरें सामने आने के बाद राज्य सरकार ने सीईओ मनोज अग्रवाल को पत्र भेजकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा है। राज्य की गृह सचिव नंदिनी चक्रवर्ती ने अपने पत्र में पूछा है कि एसआईआर की तैयारी से संबंधित खबर कितनी सटीक है, क्योंकि इस बारे में सीईओ कार्यालय से राज्य सरकार को कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई है। साथ ही उन्होंने अनुरोध किया है कि इस विषय में कोई भ्रम की स्थिति न बनने दी जाए।

उल्लेखनीय है कि तृणमूल कांग्रेस पहले ही स्पष्ट कर चुकी है कि एसआईआर के नाम पर बंगाल के एक भी वैध मतदाता का नाम सूची से हटाया नहीं जाएगा। प्रशासनिक हलकों में माना जा रहा है कि नवान्न (राज्य सचिवालय) भी फिलहाल इस प्रक्रिया को शुरू करने के पक्ष में नहीं है और सीईओ को भेजे गए पत्र में वही रुख झलकता है।

मुख्य चुनाव अधिकारी मनोज अग्रवाल ने कहा कि चुनाव आयोग ने बिहार में एसआईआर लागू करते समय ही संकेत दिया था कि इसे पूरे देश में लागू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि आयोग ने पांच जुलाई को राज्यों को पत्र लिखकर एसआईआर की तैयारी शुरू करने का निर्देश दिया था।

गौरतलब है कि हाल ही में चुनाव आयोग ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर सिफारिश की थी कि चुनाव विभाग को गृह विभाग से अलग करके स्वतंत्र विभाग बनाया जाए। देश के सभी राज्यों में यह व्यवस्था पहले से लागू है, लेकिन पश्चिम बंगाल इसका अपवाद है। इस नए विभाग के सचिव को पदेन राज्य का मुख्य चुनाव अधिकारी बनाया जाना है और एक वित्तीय सलाहकार की भी नियुक्ति की जानी है, जो अभी तक नहीं हुई है।

 

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