कोलकाता । विश्व योग दिवस के मौके पर पश्चिम बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने राज्य में कानून व्यवस्था की विफलता को लेकर एक बार फिर राज्य सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि आज देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है लेकिन पश्चिम बंगाल में लोगों को डर से आजाद होने की जरूरत है। दरअसल पश्चिम बंगाल विश्वविद्यालय संशोधित अधिनियम के खिलाफ शिकायत लेकर नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी और भाजपा के अन्य विधायक राजभवन पहुंचे थे। यहां राज्यपाल जगदीप धनखड़ से शिष्टाचार मुलाकात के बाद विधायकों ने आधिकारिक तौर पर इस विधेयक के खिलाफ शिकायत की और कहा कि विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के तौर पर आप को हटाकर मुख्यमंत्री को नियुक्त करने संबंधी राज्य सरकार की कोशिश संविधान के विपरीत है और इसे किसी भी कीमत पर अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। इतना ही नहीं शुभेंदु अधिकारी ने राज्य में प्रशासन की विफलता के खिलाफ भी राज्यपाल से शिकायत की। इसे सुनने के बाद राज्यपाल ने उन्हें आश्वस्त किया कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति सुधारने के लिए वह लगातार राज्य सरकार के अधिकारियों से वार्ता करते रहेंगे। राज्यपाल ने कहा कि राज्य के प्रथम नागरिक के तौर पर वह पश्चिम बंगाल के लोगों के मित्र हैं और राज्य सरकार के भी मित्र हैं। उन्होंने राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए कहा कि अपराध होने पर अपराधियों को बचाने की कोशिश और कोई भी कार्रवाई नहीं होना चिंताजनक है। जब तक ऐसा होगा तब तक मैं सवाल खड़ा करता रहूंगा। उन्होंने कहा कि सरकार अगर संविधान के मुताबिक काम करे तो मैं पहला व्यक्ति होउंगा कि उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलूंगा। उन्होंने कहा कि पूरा देश आज आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है लेकिन पश्चिम बंगाल में डर और हिंसा से आजादी की जरूरत है।
उल्लेखनीय है कि राज्य विधानसभा में विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन का विधेयक पारित किया गया है जिसमें राज्य के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति के तौर पर राज्यपाल जगदीप धनखड़ को हटाकर मुख्यमंत्री को नियुक्त करने का प्रावधान है। इस विधेयक को विधानसभा से पारित करने के बाद अंतिम मंजूरी के लिए राजभवन ही भेजा गया है जिसे अभी तक राज्यपाल ने हरी झंडी नहीं दी है।