रानीगंज में द्वितीय सोमवारी पर श्री सत्यनारायण मंदिर में रुद्राभिषेक और शिव श्रृंगार की दिव्य परंपरा

रानीगंज। सावन मास की द्वितीय सोमवारी पर रानीगंज के ऐतिहासिक श्री सत्यनारायण मंदिर में शिवभक्ति की अविरल धारा बहती रही। मंदिर के प्रधान पुजारी पंडित संपत जोशी के नेतृत्व में मध्यरात्रि तक रुद्राभिषेक का सामूहिक आयोजन हुआ, जिसमें अंचल के विशिष्ट भक्तों ने भाग लिया।

यह आयोजन मंदिर की उस दिव्य परंपरा का हिस्सा है, जो पिछले 100 वर्षों से अधिक समय से चली आ रही है। शाम होते ही भक्तों का आगमन शुरू हो गया और पूरा परिसर शिव महिमा के श्लोकों और हर-हर महादेव के जयघोष से गुंजायमान हो उठा।

भक्ति भाव में लीन श्रद्धालुओं द्वारा जब सामूहिक स्वर में “हर हर महादेव शंभू, काशी विश्वनाथ गंगे” भजन गाया गया, तो संपूर्ण वातावरण शिवमय हो उठा। इस अवसर पर शिव महिमा की यह दो पंक्तियाँ भाव विभोर कर गईं।

त्रिपुरारी तू है त्रिकाल ज्ञाता,
भक्तों के कष्टों का तू ही नाश करता।

स्थानीय शिवभक्त मंगल चमरिया ने भावुक स्वर में कहा, “इस मंदिर में सावन के हर सोमवार आकर मन को जो शांति मिलती है, वह शब्दों से परे है।”

वरिष्ठ पुजारी पंडित मुरारी जोशी वर्षों से पारंपरिक विधि से रुद्राभिषेक और शिव श्रृंगार करते आ रहे हैं। बाबा का श्रृंगार अपराजिता, अष्टचक्र और सफेद पुष्पों से किया गया, जो श्रद्धालुओं के लिए श्रद्धा और आकर्षण का केंद्र रहा।

यह श्रृंगार भव्यता से अधिक भक्तिपूर्ण सौंदर्य और आस्था का प्रतीक रहा, जिसमें श्रद्धा की गहराई झलकती है।

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