हावड़ा । साध्वी प्रियरंजना श्रीजी, साध्वीवृंद डा. प्रियदिव्यांजना श्रीजी, साध्वी डा. श्री प्रियशुभांजना श्रीजी का चातुर्मास मंगल प्रवेश आत्मानंदी चातुर्मास समिति के संयोजक ज्ञानचंद दुगड़ एवं पवन बोथरा के मार्गदर्शन में श्री जैन श्वेताम्बर पंचायती मन्दिर, कॉटन स्ट्रीट से प्रारम्भ होकर उत्तर हावड़ा श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ पहुंच कर सम्पन्न हुआ । जैन समाज के हजारों श्रावक – श्राविका चातुर्मास मंगल प्रवेश पर आयोजित भव्य पदयात्रा एवम् धर्म सभा में जय जिनेन्द्र का उद्घोष कर रहे थे । साध्वीवृंद ने अपने आशीर्वचन में कहा चातुर्मास में हमें अपने मन को मयूर की तरह नियंत्रित कर मन को शांत और स्थिर करने का प्रयास करना चाहिये । मयूर (मोर) एक सुंदर पक्षी है, लेकिन वह हमेशा इधर-उधर घूमता रहता है । इसी तरह मन भी हमेशा विचारों और भावनाओं में भटकता रहता है । चातुर्मास मन को नियंत्रित करने और आंतरिक शांति प्राप्त करने का महत्वपूर्ण समय है । चातुर्मास में सकारात्मकता और आत्म-नियंत्रण का अभ्यास करना महत्वपूर्ण है । ध्यान और योग का अभ्यास करने से मन को शांत करने और एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है । चातुर्मास की अवधि में इंद्रियों पर संयम रखना और सात्विक जीवनशैली का पालन करना चाहिये । चातुर्मास प्रकृति के साथ गहरे जुड़ाव का समय होता है । इस अवधि में प्रकृति के संरक्षण पर जोर दिया जाता है । धर्मसभा मे सभी श्रावक – श्राविकाओं ने साध्वीवृंद को वंदन किया एवम् उत्तर हावड़ा में चातुर्मास के लिये आभार व्यक्त किया । उत्तर हावड़ा श्री जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ एवम् आत्मानंदी चातुर्मास समिति के पदाधिकारी तथा कार्यकर्ता सक्रिय रहे । धर्म सभा का संचालन मोहित बोथरा एवं नरेन्द्र बांठिया ने किया