कोलकाता लौटते ही ममता ने अल्पसंख्यकों के हिंसक विरोध का किया बचाव, कहा : दंगा कराने वाले लालची

 

कोलकाता । दिल्ली में दो दिनों तक विपक्षी पार्टियों के साथ बैठक और अपने मन पसंदीदा उम्मीदवार को राष्ट्रपति बनाने में विफल होने के बाद गुरुवार अपराह्न कोलकाता लौटीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पैगंबर मोहम्मद विवाद को लेकर देशभर में अल्पसंख्यकों के हिंसक विरोध प्रदर्शन का एक तरह से बचाव किया है। उन्होंने कहा है कि दंगा कराने वाले लालची लोग हैं। दक्षिणेश्वर मंदिर में लाइट और साउंड शो के उद्घाटन के मौके पर ममता बनर्जी ने कहा कि मेरे बारे में कई लोग कहते हैं कि मैं नमाज पढ़ती हूं लेकिन मैं साफ सुथरा तौर पर कहना चाहती हूं कि देशभर में जो हालात हैं उसके लिए वे लोग जिम्मेदार हैं जो भड़काऊ बयान देते हैं। उन्होंने कहा कि दंगा कराने वाले लालची लोग हैं। ममता ने कहा कि कभी भी दंगा हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई नहीं करते बल्कि वे लोग कराते हैं जिनके दिमाग में कचरा भरा रहता‌ है।
उन्होंने कहा कि मैं किसी धर्म के खिलाफ कुछ नहीं बोलूंगी, मैं सभी का सम्मान करती हूं। उन्होंने आगे कहा- मेरे बारे में कई लोग बोलते हैं कि मैं नमाज पढ़ती हूं, मैं नमाज नहीं पढ़ती, मैं इफ्तार में जाती हूं जहां सभी धर्म के लोग मिल कर जाते हैं इसमें असुविधा क्या है? मैं जब दुर्गा पूजा में जाती हूं तब तो कुछ नहीं कहते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे देश में हर धर्म के लोग रहते हैं। मैं जैन मंदिर भी जाती हूं तो इसमें आपत्ति की क्या बात है। आप किसी एक धर्म को मानते हैं तो इसका मतलब ये नहीं कि दूसरे के धर्म को गाली दें।

 

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