कोलकाता । विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता के नाले के जल में पोलियो के जीवाणु मिले हैं। इसे लेकर राज्य स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की भी चिंता बढ़ गई है। दशकों पहले भारत में पोलियो एक आतंक था और इससे संक्रमित लोगों के अंग काम नहीं करते थे। इसके लिए भारत सरकार ने लगातार दसकों तक पोलियो का टीकाकरण अभियान चलाया। आठ साल पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को पोलियो मुक्त देश के तौर पर घोषित भी कर दिया था लेकिन अब एक बार फिर कोलकाता में इसके जीवाणु मिलने से चिंता बढ़ गई है। सूत्रों ने बताया है कि मई महीने के अंत में कोलकाता नगर निगम के अल्पसंख्यक बहुल क्षेत्र मटियाब्रुज के एक नाले के पानी में जीवाणु मिले हैं। राज स्वास्थ्य विभाग के एक सूत्र ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि पोलियो के भीभीपीभी टाइप वन जीवाणु मिले हैं। 2011 में हावड़ा की एक दो साल की बच्ची के शरीर में पोलियो का संक्रमण हुआ था। उसके बाद आज तक संक्रमण का एक भी मामला सामने नहीं आया है। उस बच्ची में पोलियो का संक्रमण देश का आखरी पोलियो संक्रमण भी था। उसके बाद 2014 के 17 मार्च को डब्ल्यूएचओ ने भारत को पोलियो मुक्त देश घोषित कर दिया था। केंद्र सरकार ने भी राज्यों के साथ मिलकर तत्परता से पोलियो टीकाकरण अभियान चलाया था। ऐसे में कोलकाता में इससे जीवाणु कैसे मिले हैं इसकी जांच की प्रक्रिया शुरू की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के सूत्रों ने बताया है कि पोलियो संक्रमण की स्थिति को समझने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने विभिन्न हिस्सों से जल के नमूने संग्रह किए थे। इसी दौरान मटियाब्रुज इलाके के नाले के पानी से पोलियो के जीवाणु मिले