आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब दे सरकार : संजय सिन्हा

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले की इंटरनेशनल इक्विटेबल ह्यूमन राइट्स सोशल काउंसिल और इंटरनेशनल मीडिया फोरम के चेयरमैन संजय सिन्हा ने गहरी निंदा की है। उन्होंने इसे एक अत्यंत दुखद और हृदय विदारक घटना करार दिया और सरकार से सवाल उठाया कि जब पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में आतंकवादियों को प्रशिक्षित किया जा रहा है, तो क्यों नहीं उस स्रोत को खत्म किया जा रहा है?उन्होंने कहा, “यह बहुत ही दुखद और हृदय विदारक घटना है। कई वर्षों से यह घटनाएं हो रही हैं और बढ़ती जा रही हैं। सरकार से मेरा सवाल है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादियों को ट्रेनिंग दी जाती है, पाकिस्तान की सेना और आईएसआई इन्हें प्रशिक्षित करके भारत में भेजती है। जब हमें स्त्रोत का पता है, तो उसे खत्म कर देना चाहिए। यह जरूरी है कि सरकार इन स्रोतों पर अविलंब कार्रवाई करे।”अपने उत्तराखंड दौरे को अधूरा छोड़कर दिल्ली लौटे चेयरमैन संजय सिन्हा ने बुधवार को मीडिया से मुखातिब होते हुए आगे कहा,“हमारे नागरिक मारे जा रहे हैं, पर्यटक मारे जा रहे हैं, यह बहुत दुखद है। सरकार को तुरंत एक्शन लेना चाहिए और हिम्मत दिखानी चाहिए।”उन्होंने इस बाबत भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि , “मैं उस तस्वीर को भूल नहीं पा रहा हूं कि एक महिला अपने पति के शव के पास बैठी हुई है। मैं सरकार से हाथ जोड़कर दरख्वात करना चाहता हूं कि इस बार ऐसा सबक सिखाया जाए आतंकवादियों को कि ये अगले सात जन्मों तक ऐसी हरकत करने लायक न रहें।”संजय सिन्हा ने पहलगाम में कहा कि,“जब पहलगाम में बड़ी संख्या में पर्यटक जाते हैं, तो वहां सुरक्षा व्यवस्था दुरुस्त होनी चाहिए थी। वहां जवानों की तैनाती होनी चाहिए थी, लेकिन कहीं भी कोई सिक्योरिटी नहीं थी। अमरनाथ का बेस कैंप पहलगाम है, और वहां सुरक्षा व्यवस्था नहीं थी। यह बेहद गंभीर मुद्दा है।”उन्होंने कहा, “इतना बड़ा आतंकी हमला हुआ है और हम हाथ पर हाथ रखकर नहीं बैठ सकते। हमें एक सख्त और निर्णायक कदम उठाने की आवश्यकता है। रोजाना लोग मारे जाते हैं, इससे बेहतर होगा कि एक बार पूरा मामला निपटा लिया जाए और हमें आर-पार की लड़ाई करनी चाहिए।यह भी कहा कि यह घटना न केवल कश्मीर बल्कि पूरे देश के लिए चिंता का विषय है और सरकार को इस मामले में गंभीर कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि देश में आतंकवाद का सफाया किया जा सके।”

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