कोलकाता, 26 मार्च । पश्चिम बंगाल में लगातार घट रही दवाओं की गुणवत्ता को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने नई गाइडलाइन जारी की है। अगर किसी दवा की गुणवत्ता पर संदेह हो या वह असर नहीं कर रही हो, तो लोग अब सीधे ड्रग कंट्रोल डिपार्टमेंट को फोन या ईमेल कर इसकी शिकायत कर सकते हैं।
डायरेक्टरेट ऑफ ड्रग कंट्रोल (वेस्ट बंगाल) ने इसके लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं— 2225-2213 और 2225-2214। इसके अलावा, ईमेल के जरिए भी शिकायत दर्ज कराई जा सकती है। ईमेल आईडी है tellddcwb@rediffmail.com।
बीते कुछ महीनों में कई महत्वपूर्ण दवाएं गुणवत्ता जांच में फेल हो चुकी हैं। इनमें रैनोजेक्स (सीने की तकलीफ में इस्तेमाल) और टेल्मा एच (ब्लड प्रेशर कंट्रोल के लिए) जैसी दवाएं शामिल हैं। सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गेनाइजेशन की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले तीन महीनों में 300 से अधिक दवाएं टेस्ट में फेल हो चुकी हैं। इनमें पश्चिम बंगाल की कई फार्मा कंपनियों द्वारा बनाई गई दवाएं भी शामिल हैं।
राज्य के स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम ने पहले ही निर्देश जारी कर दिए हैं कि सभी सरकारी अस्पतालों, सेंट्रल मेडिकल स्टोर्स, थोक विक्रेताओं और डिस्ट्रिब्यूटरों को उन दवाओं की सूची दी जाए, जो गुणवत्ता जांच में फेल हो चुकी हैं। इसके अलावा, स्वास्थ्य विभाग ने आदेश दिया है कि सभी मेडिकल स्टोर्स पर ‘नॉट स्टैंडर्ड क्वालिटी’ यानी संदिग्ध दवाओं की सूची सार्वजनिक रूप से लगानी होगी, ताकि लोग जागरूक रहें। इस नियम के पालन को सुनिश्चित करने के लिए वेस्ट बंगाल ड्रग कंट्रोल बोर्ड मेडिकल स्टोर्स पर औचक छापेमारी करेगा।
बंगाल केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट एसोसिएशन ने इस पर चिंता जाहिर की है। संगठन के महासचिव पृथ्वी बोस ने बताया कि कई कंपनियां इतनी बारीकी से नकली दवाएं बना रही हैं कि इन्हें असली दवाओं से अलग कर पाना मुश्किल हो रहा है। मेडिकल स्टोर संचालक भी धोखे में आ रहे हैं और अनजाने में नकली दवाएं बेच रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने जनता से अपील की है कि यदि कोई दवा संदेहास्पद लगे या लंबे समय तक इस्तेमाल के बाद भी असर न करे, तो तुरंत हेल्पलाइन नंबर पर कॉल करें या ईमेल भेजें। यह कदम दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और आम लोगों की सुरक्षा के लिए उठाया गया है।