व्यवहारिक अंतर्दृष्टि के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य परिणामों को बढ़ाना विषय पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

दुर्गापुर। योग विज्ञान और खेल प्रबंधन विभाग, और अस्पताल प्रबंधन विभाग, एनएसएचएम कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, एनएसएचएम नॉलेज कैंपस ने भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएसएसआर), नई दिल्ली, शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के सहयोग से “व्यवहारिक अंतर्दृष्टि के माध्यम से सार्वजनिक स्वास्थ्य परिणामों को बढ़ाना” पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम की शुरुआत गणेश वंदना से हुई, मुख्य अतिथि रमेश चंद्र महापात्रा, झांझरा क्षेत्र के महाप्रबंधक, प्रो. (डॉ.) आलोक सत्संगी, एनएसएचएम नॉलेज कैंपस, दुर्गापुर के निदेशक, विश्व चिकित्सा अधीक्षक, डॉ. धुति, डॉ.कालीपद पाल, एसोसिएट प्रोफेसर, खेल विज्ञान और योग विभाग, रामकृष्ण मिशन विवेकानंद शिक्षा और अनुसंधान संस्थान, बेलूर मठ, कोलकाता डॉ. देव कुमार दास, एचओडी और कार्यक्रम समन्वयक, योग विज्ञान और खेल प्रबंधन विभाग, डॉ. जस्टिन बाबू एनएसएचएम कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, एनएसएचएम, लाइट कैंपस, लाइट, विभाग इस
कार्यक्रम में उपस्थित थे। प्रतिभागियों की कुल संख्या 114 थी, जिनमें से 103 भारत के विभिन्न भागों से छात्र प्रतिनिधि थे और 13 संकाय सदस्यों ने कार्यक्रम में भाग लिया। सभी प्रतिभागियों ने सुबह 10:00 बजे से शाम 5:30 बजे तक तकनीकी सत्रों में सक्रिय रूप से भाग लिया। कार्यक्रम में सभी अतिथियों एवं गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत एनएसएचएम नॉलेज कैंपस, दुर्गापुर के निदेशक प्रोफेसर (डॉ.) आलोक सत्संगी एवं डॉ. देव कुमार दास, विभागाध्यक्ष एवं कार्यक्रम समन्वयक, योग विज्ञान एवं खेल प्रबंधन विभाग, एनएसएचएम कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, एनएसएचएम नॉलेज कैंपस परिसर। प्रथम सत्र सुबह 11 बजे “योग एवं जन स्वास्थ्य का एकीकरण” विषय पर मुख्य अतिथि वक्ता रमेश चंद्र महापात्रा, महाप्रबंधक, झांझरा क्षेत्र द्वारा शुरू हुआ। दूसरा सत्र सुबह 11:45 बजे शुरू हुआ, जिसमें प्रख्यात वक्ता डॉ. धृति सुंदर दत्ता, चिकित्सा अधीक्षक, हेल्थ वर्ल्ड हॉस्पिटल ने “सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए व्यवहारिक अंतर्दृष्टि” पर बात की। तीसरे सत्र में प्रमुख वक्ता डॉ. कालीपद पाल, एसोसिएट प्रोफेसर, खेल विज्ञान और योग विभाग, रामकृष्ण मिशन विवेकानंद शिक्षा एवं अनुसंधान संस्थान, बेलूर मठ, कोलकाता ने “योग के मनोवैज्ञानिक प्रभाव” पर व्याख्यान दिया। चौथे सत्र में, प्रख्यात वक्ता डॉ. जस्टिन बाबू, विभागाध्यक्ष, अस्पताल प्रबंधन विभाग, एनएसएचएम बिजनेस स्कूल, दुर्गापुर ने “नीति एकीकरण और कार्यान्वयन” पर भाषण दिया। सत्र सभी प्रतिभागियों के लिए सत्यापन समारोह के साथ समाप्त होता है। जहां मुख्य अतिथि, गणमान्य व्यक्तियों और आयोजन सचिव डॉ. देव कुमार दास, विभागाध्यक्ष एवं कार्यक्रम समन्वयक।

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