राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटे फरीदाबाद से गिरफ्तार अब्दुल रहमान ने राम मंदिर को उड़ाने की साजिश का खुलासा किया है। जांच एजेंसियों द्वारा पूछताछ के दौरान अब्दुल ने बताया कि उसने दो बार राम मंदिर की टोह भी ली थी।
उसे राम मंदिर पर फेंकने के लिए दो हथगोले उपलब्ध कराए गए थे, हालांकि, अपराध करने से पहले ही उसे गुजरात एटीएस और हरियाणा एसटीएफ ने पकड़ लिया। एजेंसियों द्वारा पूछताछ के दौरान उसने बताया कि उसके हैंडलर ने अपने एक सहयोगी के जरिए उसे यह हैंड ग्रेनेड भेजा था।
एजेंसियों ने आरोपी के पास से एक हथगोला जब्त किया है। एजेंसियों के अनुसार इस हैंड ग्रेनेड पर किसी भी देश की कंपनी का मार्का नहीं है। प्रारंभिक पूछताछ के बाद एजेंसियों ने दावा किया है कि अब्दुल रहमान पाकिस्तान स्थित एक आतंकवादी के संपर्क में था। पूछताछ में उसने पुलिस को बताया कि वह दिल्ली में जमात में शामिल होने के लिए फैजाबाद से ट्रेन से आया था। यहीं पर वह धर्मसभा के दौरान संचालक के संपर्क में आया। अब जांच एजेंसियां यह पता लगाने की कोशिश कर रही हैं कि अब्दुल किसके संपर्क में था।
आक्रमण करने का अवसर तलाश रहे हैं।
जांच एजेंसियों द्वारा पूछताछ के दौरान आरोपी अब्दुल रहमान ने बताया कि उसे राम मंदिर पर हमला करने के लिए सामग्री मिल गई है, लेकिन उसे सही मौका मिलने तक फरीदाबाद में ही रहने को कहा गया है। पुलिस को संदेह है कि अब्दुल के अलावा कुछ अन्य लोग भी इस साजिश में शामिल हो सकते हैं। पुलिस उन लोगों के बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है। इसी क्रम में पुलिस ने अब्दुल को अदालत में पेश कर आगे की पूछताछ के लिए 10 दिन की कस्टडी रिमांड पर लिया है।
आईएसआई से संपर्क होने का दावा
वहीं मूल रूप से अयोध्या के मंजनई गांव के रहने वाले अब्दुल के पिता का कहना है कि उनका बेटा रिक्शा चलाता था। हाल ही में वह जमात में शामिल होने के लिए दिल्ली गया था, लेकिन अब उसकी गिरफ्तारी की खबर मिली है। उन्होंने बताया कि उनके बेटे की गिरफ्तारी के बाद अयोध्या पुलिस ने उन्हें भी हिरासत में लिया था, लेकिन पूछताछ के बाद उन्हें छोड़ दिया गया। इस बीच अब्दुल की मां ने अपने बेटे को फंसाए जाने का आरोप लगाया है। अब तक प्राप्त इनपुट के आधार पर पुलिस एजेंसियों ने दावा किया है कि अब्दुल पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के संपर्क में है। इसके अलावा, वह कई कट्टरपंथी समूहों से भी जुड़ा हुआ है।