कोलकाता में बीएसएफ के 33 जवानों को पुलिस पदक से नवाजा गया

 

कोलकाता, 30 जनवरी । पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी.वी. आनंद बोस ने गुरुवार को कोलकाता में आयोजित एक समारोह में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के 33 जवानों को पुलिस पदक से सम्मानित किया। इनमें से 20 जवान वर्तमान में सेवा में हैं, जबकि शेष सेवानिवृत्त हो चुके हैं।

बीएसएफ के ईस्टर्न कमांड के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये पदक बीएसएफ कर्मियों की समर्पित सेवा को मान्यता देने के लिए दिए गए हैं, जो देश की सीमाओं की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने कहा कि बीएसएफ के जवान विषम परिस्थितियों में 24 घंटे और साल के 365 दिन अपनी ड्यूटी निभाते हैं। मौजूदा समय में बांग्लादेश की स्थिति को देखते हुए, भारत-बांग्लादेश सीमा पर हर समय सतर्कता बरती जा रही है, खासकर उन इलाकों में जहां नदी और बिना बाड़ वाली सीमाएं हैं। इस तरह का सम्मान उन्हें अपने कर्तव्यों को और अधिक उत्साह से निभाने के लिए प्रेरित करता है।

समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने बीएसएफ के रणनीतिक कौशल, अधोसंरचना के विकास, हथियारों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की सराहना की। उन्होंने कहा कि बीएसएफ कर्मी सीमाओं की सुरक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और राष्ट्रविरोधी गतिविधियों को विफल करने में अग्रणी रहते हैं।

राज्यपाल ने सम्मानित जवानों के समर्पण, निस्वार्थ सेवा और अनुकरणीय कर्तव्यनिष्ठा की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि यह पदक केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और राज्य पुलिस बलों के उन कर्मियों को दिया जाता है, जिन्होंने अपने कर्तव्यों में असाधारण निष्ठा, ईमानदारी और उत्कृष्ट सेवा का प्रदर्शन किया है।

बीएसएफ के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह सम्मान एक उच्च स्तरीय समिति द्वारा गहन मूल्यांकन प्रक्रिया के बाद ही दिया जाता है।

इस अवसर पर बड़ी संख्या में सम्मानित जवानों के परिवार के सदस्य, बीएसएफ अधिकारी, अधीनस्थ अधिकारी, अन्य रैंक के जवान और सेवानिवृत्त कर्मी मौजूद रहे।

दक्षिण बंगाल फ्रंटियर, बीएसएफ के डीआईजी और प्रवक्ता एन.के. पांडेय ने कहा कि यह आयोजन न केवल बीएसएफ कर्मियों की उपलब्धियों का उत्सव था, बल्कि बल की अटूट राष्ट्रभक्ति, उच्च मानकों और अडिग समर्पण को दर्शाने वाला अवसर भी था।

इस समारोह में पूर्वी कमान के बीएसएफ के अतिरिक्त महानिदेशक रवि गांधी और दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के महानिरीक्षक मनिंदर प्रताप सिंह पवार सहित कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।

 

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