प्रयागराज के महाकुंभ में बुधवार सुबह हुए दुखद भगदड़ के बाद, हताश श्रद्धालु अपने प्रियजनों की तलाश करते नजर आए. करोड़ों तीर्थयात्री मौनी अमावस्या के अवसर पर पवित्र स्नान करने के लिए घाटों पर पहुंचे थे.
घटना के करीब आठ घंटे बाद भी कई लोग अपने खोए हुए रिश्तेदारों की खोज में थे. भगदड़ उस समय मची जब कुछ श्रद्धालु अखाड़ा मार्ग पर लगे बैरिकेड्स पर चढ़ गए. एक श्रद्धालु ने बताया, “जब भगदड़ मची, तब लोग सो रहे थे और कई लोग सामान छोड़कर भाग गए.”
घाट के बाहर एक महिला अपनी सास की तलाश में रोते हुए नजर आई. महिला ने बताया कि घाट पर इतनी भीड़ थी कि पुलिस हमें वहां से जाने के लिए कह रही थी, इस दौरान उनकी सास गिर गईं और अब उन्हें ढूंढ नहीं पा रहे हैं. महिला के पति ने कहा कि वे आस-पास के अस्पतालों में गए, लेकिन उनकी सास को नहीं ढूंढ पाए. एक और महिला अपने पति को ढूंढ रही थी. उसने कहा, “संगम घाट पर बहुत भीड़ थी, और डॉक्टर हमें सही जानकारी नहीं दे रहे थे. घायल लोगों को स्वरूप रानी अस्पताल ले जाया जा रहा था.”
महाकुंभ में भगदड़ के बाद श्रद्धालुओं की बेचैनी
कर्नाटक से आई सरोजिनी ने अस्पताल के बाहर रोते हुए बताया कि वे 60 लोगों के समूह में आई थीं, लेकिन भीड़ में धक्का-मुक्की होने से कई लोग गिर गए और अनियंत्रित हो गए. उन्होंने कहा, “भागने का कोई मौका नहीं था, हर तरफ से धक्का-मुक्की हो रही थी.” मध्य प्रदेश के छतरपुर से आए एक व्यक्ति ने बताया कि उसकी मां घायल हो गई हैं और अस्पताल में भर्ती हैं. अस्पताल में एक महिला ने बताया कि उनका बच्चा भी इस अफरातफरी में घायल हो गया था. उन्होंने कहा, “हमें जाने के लिए कोई रास्ता नहीं था. जिन लोगों ने हमें धक्का दिया, वे हंस रहे थे, जबकि हम उनसे दया की भीख मांग रहे थे.”
सीएम योगी ने लिया जायजा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्थिति का जायजा लेने के लिए लखनऊ में उच्च स्तरीय बैठक की. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा ने सुबह से ही उन्हें फोन कर स्थिति की जानकारी ली. आदित्यनाथ ने बताया कि अखाड़ों के साथ सहमति बन गई है कि वे घाटों पर भीड़ कम होने के बाद ही स्नान करेंगे.
