आसनसोल। आसनसोल के रविंद्र भवन में हिन्द मजदूर सभा की ओर से आज संगठन का वार्षिक अधिवेशन का आयोजन हुआ। इस मौके पर यहां पर हिंद मजदूर सभा के महासचिव हरभजन सिंह सिद्धू मुख्य रूप से उपस्थित हुए. इनके अलावा इस दौरान शिवकांत पाण्डेय,विष्णु देव नोनिया, सोहराब अली खान सहित संगठन के अन्य नेता उपस्थित थे। इस दौरान केंद्रीय सरकार द्वारा कोयला उद्योग के निजीकरण की कोशिशें को लेकर विचार विमर्श किया गया। वार्षिक अधिवेशन के दौरान यहां विभिन्न संगठनों से आए कई लोग संगठन में शामिल हुए। इस संदर्भ में हरभजन सिंह सिद्धू ने पत्रकारों को बताया कि केंद्रीय सरकार जिस तरह से कोयला उद्योग को निजी हाथों में सौंपने की कोशिश कर रही है देश का श्रमिक वर्ग इसके खिलाफ है। उन्होंने कहा कि भारत में जो श्रम कानून थे उनको बदलकर चार श्रम कोड बनाए गए हैं जिन्हें 1 अप्रैल से लागू किया जाएगा। हरभजन सिंह सिद्धू ने कहा कि अगर केंद्र सरकार 1 अप्रैल से इन चार श्रम कोड को लागू करती है तो देश में ऐतिहासिक हड़ताल होगी और इसके लिए केंद्र सरकार पूरी तरह से जिम्मेदार होगी। उन्होंने कहा कि मजदूर हड़ताल नहीं करना चाहता लेकिन जिस तरह से श्रमिकों की जायज मांगों को नजरअंदाज किया जा रहा है ऐसे में मजदूरों के सामने हड़ताल ही एकमात्र रास्ता है। उन्होंने कहा कि मजदूरों से 8 घंटे के बजाय 12 घंटे काम लेने की बात की जा रही है उनके पेंशन को खत्म किया जा रहा है ड्यूटी के दौरान किसी मजदूर की मौत हो जाने पर आश्रित को नौकरी नहीं दी जा रही है एक और मांग जो मजदूरों द्वारा की जा रही है वह समान कार्य पर समान वेतन उन्होंने कहा कि आज स्थाई श्रमिक को जो वेतन दिया जा रहा है ठेका मजदूरों को भी उसी कार्य के लिए समान वेतन देना होगा। हरभजन सिंह सिद्धू ने कहा कि देश में 12 ऐसे श्रमिक संगठन हैं जिनको श्रम मंत्रालय द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है उसमें से 10 मजदूर संगठन उनके साथ हैं और यह सभी केंद्र सरकार की नई नीतियों का विरोध कर रहे हैं उन्होंने साफ कहा कि अगर केंद्र सरकार अपने फैसले पर फिर से विचार नहीं करती है तो संभवत मई महीने में पूरे देश में व्यापक हड़ताल की जाएगी।
