बंगाल भाजपा की सदस्यता अभियान को बांग्लादेश हिंसा ने दी गति, सुकांत ने बताई वजह

कोलकाता, एक जनवरी  । बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों ने पश्चिम बंगाल भाजपा के सदस्यता अभियान को नई ऊर्जा दी है। एक करोड़ नए सदस्य जोड़ने के लक्ष्य के बावजूद चुनौतियों का सामना कर रही भाजपा ने इस मुद्दे को हिंदू समर्थन जुटाने और राज्य में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की नीतियों के खिलाफ जनता को लामबंद करने के लिए एक अवसर के रूप में देखा है।

राज्य भाजपा अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने कहा, “बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों ने हमारे सदस्यता अभियान को तेज किया है। लोग भाजपा को एकमात्र स्थिरता लाने वाली पार्टी के रूप में देख रहे हैं और टीएमसी की अल्पसंख्यक तुष्टिकरण नीति से डर रहे हैं।”

भाजपा के वरिष्ठ नेता और विधानसभा में विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने कई रैलियों में कहा, “टीएमसी की तुष्टिकरण की राजनीति के कारण पश्चिम बंगाल का भविष्य खतरे में है। यदि यह जारी रहा तो बंगाल भी बांग्लादेश की तरह संकट का सामना करेगा। भाजपा ही राज्य के लोगों को सुरक्षा दे सकती है।”

भाजपा ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के समर्थन से जोड़ा है। सीएए बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पीड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का वादा करता है। भाजपा नेताओं ने टीएमसी पर जिहादियों और कट्टरपंथियों को शरण देने का आरोप लगाते हुए कहा कि यह सब वोट बैंक की राजनीति के तहत हो रहा है।


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सदस्यता अभियान में चुनौतियां

गृह मंत्री अमित शाह ने अक्टूबर 2024 में कोलकाता दौरे के दौरान बंगाल में एक करोड़ सदस्य बनाने का लक्ष्य तय किया था। हालांकि, दिसंबर के अंत तक भाजपा ने केवल 35 लाख सदस्यों को जोड़ा, जिसमें से आधे पुराने सदस्य हैं। भाजपा के सूत्रों के अनुसार, सदस्यता अभियान के कमजोर प्रदर्शन के पीछे संगठनात्मक ढांचे की कमजोरी और टीएमसी द्वारा उत्पन्न भय का माहौल मुख्य कारण हैं।

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा, “हमारे कार्यकर्ता प्रतिबद्ध हैं, लेकिन मजबूत संगठनात्मक ढांचे की कमी के कारण लोगों तक प्रभावी ढंग से पहुंच पाना चुनौतीपूर्ण हो रहा है।”

टीएमसी नेता कुणाल घोष ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा, “बंगाल के लोगों का भाजपा पर कोई विश्वास नहीं है। भाजपा की सदस्यता अभियान में विफलता इस बात का प्रमाण है कि लोग उनसे दूर हो रहे हैं।”
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राजनीतिक विश्लेषण

राजनीतिक विश्लेषक विश्वनाथ चक्रवर्ती ने कहा, “बांग्लादेश मुद्दा भाजपा को हिंदू समर्थन जुटाने में मदद करेगा, लेकिन उसे 2026 के विधानसभा चुनावों से पहले अपने संगठनात्मक अंतराल को दूर करना होगा।”

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