भगवान श्रीकृष्ण का वाङ्गमय विग्रह है श्रीमद्भागवत कथा – अनन्त बोध चैतन्य महाराज

सत्संग भवन में श्रीमद्भागवत कथा की पूर्णाहुति 

कोलकाता । सत्संग भवन में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ में युवाचार्य आकाश शर्मा ने व्यास पीठ से राधे – राधे भक्तिमय वातावरण में श्रोताओं को भाव विभोर किया । लिथुआनिया से पधारे स्वामी अनन्त बोध चैतन्य महाराज ने अपने आशीर्वचन में कहा भगवान श्रीकृष्ण का वाङ्गमय विग्रह है श्रीमद्भागवत कथा । आद्य शक्ति भगवती की वाणी को वेद व्यास ने श्रीमद् देवी भागवत के रूप में विस्तार किया । श्रीमद्भागवत एवम श्रीमद् देवीभागवत कथा के महत्व पर कहा पुराण में श्रीमद् शब्द का महत्व है । पितृपक्ष में श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करने से आत्मीय सुख और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त होता है । पूर्वजों की आत्माओं को शांति मिलती है । जीवन में सुख, समृद्धि, और सफलता की प्राप्ति होती है । सनातन हिन्दू धर्म के प्रति जागरूक रहने की प्रेरणा देते हुए कहा पितृ की प्रसन्नता से वंश वृद्धि का आशीर्वाद मिलता है । भागवताचार्य ताड़केश्वर मिश्रा ने आशीर्वचन में कहा युवाचार्य आकाश शर्मा के श्रीमुख से श्रीमद्भागवत कथा के आयोजन में सत्संग भवन ट्रस्ट मंडल तथा यजमानों का सहयोग सराहनीय है । सुनील दीक्षित, अश्विनी मिश्रा, राजू शर्मा, अभय पाण्डेय, अशोक तिवारी एवम कार्यकर्ता सक्रिय रहे । कथा की पूर्णाहुति के अवसर पर सत्संग भवन के ट्रस्टी पण्डित लक्ष्मीकांत तिवारी, श्याम सुन्दर धानुका, दीपक मिश्रा, मुकेश शर्मा एवम ट्रस्ट मंडल ने श्रद्धालु भक्तों के प्रति आभार व्यक्त किया ।

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