मुंबई की राष्ट्रीय सामाजिक सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक संस्था साहित्यनामा द्वारा घोषणा
लेखिका ख्याति लब्ध ब्लागर भी है
देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की ख्याति लब्ध राष्ट्रीय सामाजिक, सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक संस्था —“साहित्य नामा” द्वारा आगामी सत्र में होने वाले राष्ट्रीय सम्मान स्मृति समारोह प्रख्यात साहित्यकार स्वं.श्री महेन्द्र कुमार जी दुबे की चतुर्थ पुण्यतिथि के अवसर पर, देश के सेनानायक जनरल रंजीत सिंग दिल्ली की मुख्य अध्यक्षता में होने वाले राष्ट्रीय सम्मान कार्यक्रम में हरियाणा के गुड़गांव में स्थित – अनुपम सिंह जी को सम्मानित किया जाएगा।
अनुपम सिंह जी, जो एक प्रख्यात लेखिका ब्लागर भी हैं, उन्होंने अनेकों कीर्ति मान स्थापित कर लेखिका के रुप में परस्पर संबंधों को बनाए रखा। आपकी लिखी रचनाएँ भावों का भव्य आलोक है। आपके लेख पढ़कर मुझे महादेवी वर्मा की लिखी एक बात याद आई, जो अनुपम सिंह जी के जीवन से कुछ हद तक मेल रखती हैं — “दूर क्षितिज के उस पार आंधी और तूफानों के बीच एक नन्हा दीपक, कैसे आँधी और तूफानों से पराक्रम करता है। आँधी और तूफान भी उसका कुछ भी नहीं बिगाड़ पाते और अनेक झंझावातों को झेलकर उसकी लौ प्रज्वलित कर समाज की धारा में परिवर्तन लाने का प्रयास करते हैं। उसी तरह लेखनी भी समाज में धारा को प्रवाहित करती है और नये सुबह की सूर्य की किरणों की दस्तक भी – अनुपम सिंह जी की लिखी रचनाएँ समाज की धारा को बदलने में सक्षम हैं, उन्हें किसी की आवश्यकता नहीं।उनकी लेखनी ही सक्षम है। मुम्बई की राष्ट्रीय सामाजिक सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक संस्था द्वारा उन्हें राष्ट्र गौरव सम्मान से नवाजा जाएगा। विश्व मानव मुखपत्र पर उनके संस्मरण और लेखों का समाज और देश में संपादकीय पृष्ठों पर उन्होंने अपनी बेबाकी से समाज में जागृति का कार्य किया है। उनकी समाज के प्रति बढ़ती भागीदारी और उनके द्वारा प्रकाशित उत्कृष्ट कार्यों की समीक्षा के एवज स्वरूप अनुपम जी को दरभंगा, बिहार (जन्म स्थान) एवं गुड़गाँव, हरियाणा (निवास स्थान) ही नहीं, बल्कि देश में व्याप्त चाहे बेरोजगारी की समस्या हो, लाडली बहनों की समस्या हो अथवा उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार की समस्या हो – कई अनछुए पहलुओं पर आपकी सजग दृष्टि ने परिवर्तन का नया परिवेश प्रदान किया और नागरिकों को न्याय दिलाया आप एक उत्कृष्ट समाज सेवी के रुप में रहकर महिलाओं के उत्थान के लिए परस्पर सहयोगात्मक रुप से जुड़ी रहीं, यही वजह है मुंबई की राष्ट्रीय सामाजिक सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक संस्था साहित्य नामा एवं जूरी कमेटी की सहमति से आपको राष्ट्रीय सम्मान से विभूषित किया जाएगा आपका चिंतन भविष्य में और निखरे और समाज को नई दिशा प्रदान करता रहे इसी शुभकामनाओं के साथ आपको बधाई शुभकामनाएँ—