
कोलकाता, 24 अगस्त । आर.जी. कर अस्पताल में तोड़फोड़ के मामले में वामपंथी नेताओं को ‘झूठे मामले में फंसाने’ का आरोप लगाते हुए एसएफआई और डीवायएफआई की ओर से शनिवार को कोलकाता पुलिस मुख्यालय लालबाजार की ओर मार्च निकाला गया। इस मार्च में वामपंथी छात्र-युवा संगठनों ने हिस्सा लिया और पुलिस की बैरिकेडिंग के बावजूद जोरदार नारेबाजी की। इस दौरान डीवायएफआई की राज्य सचिव मिनाक्षी मुखर्जी और अन्य वामपंथी नेता भी अपने वकीलों के साथ मौजूद थे।
मिनाक्षी मुखर्जी ने कहा कि राज्य सरकार अपराधियों को बचाने का प्रयास कर रही है, जिसे जनता बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि पिछले 13 साल से वामपंथियों को पुलिस के माध्यम से परेशान किया जा रहा है, लेकिन वे न्याय की लड़ाई लड़ते रहेंगे और डरने वाले नहीं हैं।
उल्लेखनीय है कि 14 अगस्त की रात आर.जी. कर अस्पताल के इमरजेंसी विभाग में तोड़फोड़ की घटना सामने आई थी। आरोप है कि उस रात डीवायएफआई के ध्वज के साथ कुछ लोग अस्पताल में घुसकर तोड़फोड़ करने लगे। इस घटना के बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने वामपंथी संगठनों पर निशाना साधते हुए कहा था कि इस हमले के समय मिनाक्षी मुखर्जी और उनके साथी अस्पताल के बाहर धरने पर बैठे थे। इसके बाद लालबाजार पुलिस ने मिनाक्षी मुखर्जी सहित सात अन्य वामपंथी नेताओं को पूछताछ के लिए नोटिस जारी किया था।
शनिवार को इसी पूछताछ के विरोध में वामपंथी छात्र-युवा संगठनों ने कॉलेज स्ट्रीट से लालबाजार तक मार्च निकाला, लेकिन पुलिस ने लालबाजार से पहले ही बैरिकेड लगाकर इस मार्च को रोक दिया। प्रदर्शनकारियों ने वहीं पर रुककर नारेबाजी जारी रखी और स्वास्थ्य मंत्री एवं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के इस्तीफे की मांग की।
डीवायएफआई के नेताओं का कहना है कि आर.जी. कर अस्पताल की घटना में उन्हें झूठे मामलों में फंसाने की कोशिश की जा रही है और वे इसके खिलाफ अपनी आवाज उठाते रहेंगे।